आज पार्लियामेंट कंपाउंड में स्पोर्टस मिनिस्टेर अजय माकन ने जर्नलिस्टस से कहा,‘‘ अभी तक भारत रत्न दिए जाने के लिए श्रेणियां तय थीं। भारत रत्न कला, विज्ञान, साहित्य और लोक सेवा के क्षेत्र में प्रदान किए जाते थे लेकिन अब यह सीमा समाप्त कर दी गई है.’’  उन्होंने कहा कि इस विषय में उन्होंने 15 अप्रैल को गृह मंत्री पी चिदंबरम को लिखा था। और 16 नवंबर को प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की पहल पर चुनिंदा श्रेणी में भारत रत्न दिए जाने की शर्त को समाप्त कर दिया गया। इस संबंध में 16 नवंबर को अधिसूचना जारी कर दी गई है 18 नवंबर को गजट किया गया।

 माकन ने कहा, ‘‘ अब इस निर्णय के बाद खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले लोगों को भारत रत्न देने का मार्ग खुल गया है.’’  यह पूछे जाने पर कि क्या ध्यानचंद और सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ठ योगदान देने वाले किसी खिलाड़ी को सम्मानित किए जाने पर उन्हें खुशी होगी।

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देश के सर्वोच्च असैनिक सम्मान ‘भारत रत्न’ प्रदान किए जाने के लिए चुनिंदा श्रेणियों की सीमाओं को समाप्त किए जाने के निर्णय का स्वागत करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि ऐसे सम्मान के लिए कोई श्रेणी होनी ही नहीं चाहिए.  संसद भवन परिसर में सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ भारत रत्न प्रदान करने के लिए चुनिंदा श्रेणियों की सीमा समाप्त करने का निर्णय स्वागत योग्य है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा मानना है कि किसी भी क्षेत्र में कोई भी ऐसा व्यक्ति जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानकों के अनुरूप काम किया है और अपने प्रदर्शन और कार्यो से मील का पत्थर स्थापित किया है, उसे भारत रत्न दिया जाना चाहिए.’’  सिब्बल ने कहा कि विशेष तौर पर खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाडिय़ों को सम्मानित किया जाना चाहिए, चाहे हाकी हो, क्रिकेट हो, कबड्डी हो या एथलेटिक्स।

हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद या क्रिकेट की दुनिया के बादशाह सचिन तेंदुलकर को यह सम्मान देने के विषय में पूछे जाने पर मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा, ‘‘ मेरा मानना है कि अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप प्रदर्शन करने वाले व्यक्ति को सम्मानित किया जाना चाहिए। ’’

उन्होंने कहा कि पूर्व में क्या हुआ, इसके बारे में वह कुछ नहीं कहना चाहते, लेकिन यहां तक की पत्रकारों को भी यह सम्मान दिया जाना चाहिए।

 

रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि ध्यानचंद और तेंदुलकर इस सम्मान के हकदारों में सबसे आगे हैं.त्रिवेदी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ यह एक स्वागत योग्य कदम है। मुझे इसके बारे में बहुत अधिक जानकारी नहीं है लेकिन निश्चित तौर पर यह महत्वपूर्ण निर्णय है.’’

 उन्होंने कहा कि इस निर्णय का खेल के क्षेत्र में काफी महत्व है। खेल में यह सम्मान प्राप्त करने वालों में ध्यानचंद और तेंदुलकर का नाम अग्रणी है। रेल मंत्री ने कहा, ‘‘ध्यानचंद जी हाकी और खेल के ऐसे धु्रवतारा हैं जिनसे सभी लोगों को प्रेरणा मिलती है। तेंदुलकर भी ऐसे क्रिकेटर है जो इस सम्मान के हकदार है.’’

अजय माकन ने यह भी कहा कि खेल के क्षेत्र में अगर भारत रत्न की बात होती है तो दो नाम अनायास ही हमारे जेहन में आते हैं, वह नाम हाकी के दिग्गज मेजर ध्यानचंद और ‘रन मशीन’ सचिन तेंदुलकर.  उन्होंने कहा, ‘‘ मैं सोचता हूं कि दोनों का नाम इस सम्मान के हकदारों में सबसे आगे है। कई अन्य खिलाड़ी भी है जो इस सम्मान के हकदार है। अंतत: यह निर्णय प्रधानमंत्री को लेना है और राष्ट्रपति को इसकी सिफारिश करनी है.’’

 खेल मंत्री ने कहा कि उनके विचार से खेल मंत्री के रूप में यह उनके लिए बड़ा दिन है और दूसरा बड़ा दिन वह होगा जिस दिन किसी खिलाड़ी को भारत रत्न प्रदान किया जाएगा।