कानपुर। पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को गुरुवार को आईसीसी हाॅफ ऑफ फेम से नवाजा गया। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने इस साल तीन खिलाड़ियों को इस सम्मान के लिए चुना। जिसमें सचिन तेंदुलकर, एलन डोनाल्ड और कैथरीन फिजपैत्रिक का नाम शामिल है। बता दें सचिन ये अवार्ड पाने वाले छठे भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं। इससे पहले बिशन सिंह बेदी, सुनील गावस्कर, कपिल देव, अनिल कुंबले और राहुल द्रविड़ को यह सम्मान मिल चुका है। बता दें सचिन को इस लिस्ट में देर से शामिल करने की वजह आईसीसी की एक शर्त है। जिसमें वही खिलाड़ी हाॅल ऑफ फेम का सम्मान पा सकता है जिसे क्रिकेट छोड़े हुए कम से कम 5 साल हो चुके हों। सचिन ने 2013 में अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच खेला था।


राहुल द्रविड़
पिछले साल ये सम्मान भारत के दाएं हाथ के बल्लेबाज राहुल द्रविड़ को मिला था। द्रविड़ एक समय टीम इंडिया के टॉप बल्लेबाजों में गिने जाते थे। साल 2012 में क्रिकेट को अलविदा कहने से पहले द्रविड़ ने विश्व क्रिकेट में कई बड़े-बड़े मुकाम हासिल किए। खासतौर से टेस्ट क्रिकेट में उनका कोई मुकाबला नहीं कर सकता। एक बार वो क्रीज पर जम जाते थे तो उन्हें आउट करने में गेंदबाजों के पसीने छूट जाते। इसी वजह से उन्हें 'द वॉल' का नाम दिया गया। अपने 16 साल लंबे अंतरराष्ट्रीय करियर में द्रविड़ ने 164 टेस्ट मैचों में 52.31 की औसत से 13,288 रन बनाए। इसमें 36 शतक तो 63 अर्धशतक शामिल हैं।

अनिल कुंबले
भारत के दिग्गज गेंदबाज अनिल कुंबले को साल 2015 में आईसीसी 'हॉल ऑफ फेम' चुना गया था। कुंबले दुनिया के उन चुनिंदा गेंदबाजों में शामिल हैं जिन्होंने टेस्ट मैच की एक पारी में 10 विकेट चटकाए। इस दिग्गज लेग स्पिनर ने यह कारनामा पाकिस्तान के खिलाफ किया था। कुंबले का टेस्ट करियर काफी शानदार रहा है। 132 टेस्ट मैच खेलकर कुंबले ने 619 विकेट अपने नाम किए। 2008 में कुंबले ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। बाद में वह टीम इंडिया के कोच भी बने।

सुनील गावस्कर
लिटिल मास्टर के नाम से मशहूर भारत के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी सुनील गावस्कर ने इंटरनेशनल क्रिकेट में खूब नाम कमाया। 68 साल के हो चुके गावस्कर को 2009 में पहले 'आईसीसी हॉल ऑफ फेम' में शामिल किया गया था। दाएं हाथ के बल्लेबाज गावस्कर तो वैसे अपनी बैटिंग के लिए जाने जाते हैं, मगर टेस्ट क्रिकेट में उनके नाम एक विकेट भी दर्ज है। वहीं रनों की बात करें तो 125 मैच खेलकर इस दिग्गज बल्लेबाज ने 10,122 रन बनाए, जिसमें 34 शतक और 45 अर्धशतक शामिल हैं। बता दें कि सुनील गावस्कर के बेटे रोहन भी क्रिकेटर बने मगर वह अपने पिता की तरह ज्यादा नाम नहीं कमा पाए।

कपिल देव
1983 में भारत का पहला वर्ल्डकप दिलाने वाले भारतीय कप्तान कपिल देव को भी 2009 में आईसीसी हॉल ऑफ फेम से सम्मानित किया गया था। न सिर्फ बल्लेबाजी बल्कि गेंदबाजी में भी कपिल देव कमाल के थे। 131 टेस्ट मैच खेलकर इस लीजेंड ने 5248 रन अपने नाम किए जबकि 434 विकेट भी चटकाए। कपिल ने करीब 16 साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला।

बिशन सिंह बेदी
71 साल के पूर्व भारतीय क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी को कपिल और गावस्कर के साथ 2009 में आईसीसी हॉल ऑफ फेम चुना गया था। 1967 में अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत करने वाले बेदी भारत के दिग्गज गेंदबाज रहे हैं। हालांकि इन्हें ज्यादा मैचों में खेलने का मौका नहीं मिला मगर जितने मैच खेले उसमें कमाल का प्रदर्शन किया। 67 टेस्ट में इस गेंदबाज के नाम 266 विकेट दर्ज हैं। बिशन सिंह ने 1979 में इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया था।

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