- अपने वार्ड नं 65 में हुए कामों की जांच के लिए दूसरी बार धरने पर बैठे पार्षद

- पार्षद का आरोप है बिना काम हुए ही हो गया है भुगतान

- अफसर केवल दे रहे जांच का आश्वासन

GORAKHPUR: वार्ड नं म्भ् पुराना गोरखपुर इन दिनों पार्षद और अफसरों का अखाड़ा बना हुआ है। पार्षद का आरोप है कि बिना डेवलपमेंट के कार्य हुए ही भ्0 लाख रुपए का भुगतान कर दिया गया। वहीं अफसर इन आरोपों को नकारते हुए कह रहे कि कार्य होने के बाद ही भुगतान किया गया है। पार्षद और अफसरों में आरोप प्रत्यारोप का यह सिलसिला बीते दो माह से चल रहा है। दो माह में पार्षद तीन बार धरने पर और एक बार प्रेसवार्ता करके भुगतान की डिटेल्स मांग चुके हैं, लेकिन अफसर हर बार केवल आश्वासन दे रहे हैं।

भ्0 लाख के भुगतान का है मामला

वार्ड नंबर म्भ् पुराना गोरखपुर में पिछले दो साल में भ्0 लाख रुपए से अधिक का फर्जी भुगतान किया गया है। अफसरों पर यह आरोप पिछले तीन माह से स्थानीय पार्षद विजयराज जायसवाल लगा रहे हैं। उनका कहना है कि पिछले दो साल में हमने एक भी प्रस्ताव नहीं दिए, लेकिन हमारे यहां कागजों में भ्0 लाख रुपए का काम हो गया है और भुगतान भी हो गया है। कई सड़कें ऐसी हैं जहां काम कागज में दिख रहा है, लेकिन मौके पर सड़क टूटी हुई है। इसकी जांच के लिए हमने दर्जनों बार मांग की है, लेकिन अफसर कोई जांच नहीं करा रहे हैं, बल्कि केवल आश्वासन ही दे रहे हैं।

जलकल ने आधी अधूरी दी डिटेल

पार्षद ने बताया कि क्भ् दिन पहले फर्जी भुगतान को लेकर पे्रस वार्ता की। उसके बाद जलकल ने क्ख् लाख रुपए के भगुतान का डिटेल्स दिया। उसमें भी केवल यह लिखा गया है कि वार्ड में क्ख् लाख रुपए का लीकेज मरम्मत का कार्य किया गया है, लेकिन कहां किया गया है इसकी कोई डिटेल्स नहीं दी गई है। कई बार मांगने पर केवल एक बात कह रहे हैं कि पब्लिक के कंप्लेन पर मरम्मत हुआ है। वहां अचानक मरम्मत किया गया है। उसका कहीं रिकार्ड नहीं दर्ज हुआ है।

फर्जी भुगतान की जांच की मांग को लेकर मैंने नगर आयुक्त कार्यालय पर धरना दिया। इस बार मैंने नगर विकास मंत्री को भी पत्र लिखकर जांच की मांग की है।

विजयराज जायसवाल, पार्षद वार्ड नं म्भ् पुराना गोरखपुर