-शासन ने आंगनबाड़ी केन्द्रों में रजिस्टर प्रणाली को समाप्त करने का लिया फैसला

-पोषण से जुड़ी सुविधाओं की मॉनिटरिंग व कुपोषण का डेटा रखने के लिए दिया जाएगा स्मार्ट फोन

प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया प्रोजेक्ट का हिस्सा आंगनबाड़ी केन्द्र भी बन गया है। शासन ने आंगनबाड़ी केन्द्रों में रजिस्टर प्रणाली को समाप्त करने का फैसला लिया है। अब महिलाओं और उनके बच्चों के पोषण से जुड़ी सभी सरकारी सुविधाओं की मॉनिटरिंग के लिए आंगनबाड़ी को स्मार्टफोन दिए जाएंगे। जो एक तरह का डिजिटल रजिस्टर होगा। इससे न सिर्फ मॉनिटरिंग की जाएगी बल्कि कुपोषण संबंधी पूरा डेटा भी मेंटेन किया जाएगा। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को दिए जाने वाले फोन में सेंट्रल गवर्नमेंट की ओर से डेवलप किए गए कॉमन अप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (सीएएस) अपलोड होगा।

चल रही है तैयारी

स्मार्ट फोन देने के लिए शहर में बाल विकास पुष्टाहार विभाग में तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की सूची तैयार की जा रही है। शासन से निर्देश मिलते स्मार्ट फोन बंटना शुरू हो जाएगा। बता दें कि नेशनल न्यूट्रीशियन मिशन और नीति आयोग की ओर से हुए सर्वे में यूपी के 39 डिस्ट्रिक्ट में कुपोषण की दर कम पाई गई है। बाल विकास पुष्टाहार विभाग के मुताबिक कुपोषण की ज्यादा दर वाले छूट गए डिस्ट्रिक्ट को भी इस रिपोर्ट में शामिल किया गया है। अब यह संख्या 40 है।

ऐसे होगी मॉनिटरिंग

अभी तक आंगनबाड़ी केन्द्रों पर सारे कामकाज का विवरण रजिस्टर पर मेंटेन होता आ रहा है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। कार्यकत्रियां सभी रिपोर्ट ऑनलाइन विभागीय पोर्टल पर भेजेंगी। इससे कई रजिस्टर बनाने की झंझट खत्म हो जाएगी। स्मार्ट फोन से लैस आंगनबाड़ी कार्यकत्री जब किसी बच्चे का भार मापेंगी तो उन्हें बच्चे के वजन को सीएएस पोर्टल पर अपलोड करना होगा। जिसे विभाग में बैठे अधिकारी देख सकेंगे। इसे सिर्फ डिस्ट्रिक्ट में नहीं स्टेट और नेशनल लेवल पर भी देखा जा सकेगा। पुरानी व्यवस्था के तहत आंगनबाड़ी कार्यकत्री अभी तक मां और बच्चों के भार, पोषण, टीके व अन्य जानकारियां एक रजिस्टर पर लिखती आ रही हैं। अभी यह भी शिकायत मिलती है कि कार्यकत्री सेंटरों पर नहीं जातीं। स्मार्टफोन होने से ये सब खत्म हो जाएगा।

ये होगा स्मार्ट फोन में

इस फोन में आठ रजिस्टर फीड होंगे। इसके लिए एप डाउनलोड रहेंगे। जिनमें परिवार प्रबंधन, दैनिक पोषाहार, बाल विकास निगरानी, घर ले जाने के लिए राशन, ड्यटी लिस्ट व एमपीआर के एप होंगे। स्मार्टफोन के जरिए विभिन्न प्रकार की जानकारी हासिल हो सकेंगी। केद्रों के संबंध में भी जानकारी मिलेगी। इससे पहले आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों व सुपरवाइजर्स को स्मार्टफोन में किस तरह से फीडिंग करनी है, इसका प्रशिक्षण दिया गया है।

रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को स्मार्टफोन दिया जाना है। फोन जल्द ही आ जाएंगे। स्मार्टफोन के जरिए कार्यकत्रियां सीधे अपनी सभी रिपोर्ट फीड करेंगी।

मंजू वर्मा, डीपीओ