RANCHI: न रैंप बनाया, न लगाई लिफ्ट और फ‌र्स्ट फ्लोर पर बना दिया ऑपरेशन थियेटर। नतीजन, ऑपरेशन कराने के बाद मरीज घिसट कर सीढि़यां उतर रहे हैं। क्योंकि सदर हॉस्पिटल की पुरानी बिल्डिंग में मरीजों को ले जाने के लिए स्ट्रेचर भी नहीं मिल रहा है। वहीं, उनकी मदद के लिए न वार्ड ब्वॉय है न नर्स। गौरतलब हो कि सदर हॉस्पिटल का ऑपरेशन थिएटर फ‌र्स्ट फ्लोर पर है, इस कारण मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। वहीं, जेनरल वार्ड में भी मरीजों का रहना किसी जंग लड़ने से कम नहीं है। इन सबके बावजूद हॉस्पिटल मैनेजमेंट को कोई फर्क नहीं पड़ रहा।

घिसट कर उतर रहे सीढि़यां

हास्पिटल में इलाज के लिए हर तरह के लोग आते है। लेकिन जेनरल वार्ड और इमरजेंसी होने की वजह से गंभीर मरीजों को पुरानी बिल्डिंग में ही लाया जाता है। जहां सर्जरी और आर्थो के मरीज आते है। ऐसे में अगर किसी मरीज का पैर टूटने के बाद प्लास्टर किया जाता है तो वह घिसटकर सीढि़यां उतरता है। और अगर उसके तीमारदार साथ हुए तो उसे भी कंधे पर लादकर ग्राउंड फ्लोर पर लाया जाता है।

क्या कहते हैं मरीज

80 बेड के पुराने सदर हास्पिटल में एक भी ट्रालीमैन नहीं है। ऐसे में मरीज के इमरजेंसी में आने पर गंभीर मरीजों को भी हास्पिटल से मदद नहीं मिल पा रही है। ऐसी स्थिति में परिजनों को ही ट्राली खींचना पड़ रहा है। या फिर मरीजों को लादकर वार्ड में पहुंचा रहे हैं।

अतुल

हास्पिटल का आपरेशन थिएटर कहीं हो, लेकिन उसके लिए सुविधा तो होनी चाहिए। अब हास्पिटल में गंभीर मरीज को चढ़ाने के लिए सीढि़यां चढ़नी पड़ रही हैं। हास्पिटल प्रबंधन को या तो ओटी नीचे शिफ्ट कर देना चाहिए या फिर मरीजों के लिए रैंप बनाना चाहिए। क्योंकि हर मरीज के साथ तो चार लोग नहीं आते हैं। इस वजह से काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है।

रोशन

मरीज की मदद के लिए कोई स्टाफ नहीं है। आखिर हास्पिटल में स्टाफ क्यों नहीं रखा जाता है जो मरीजों को चढ़ाने-उतारने में मदद करें। सबसे ज्यादा परेशानी तो महिला मरीजों के साथ हो रही है। अगर उसे जरूरत पड़े तो घरवालों के आने का इंतजार करना होता है। क्या सदर हास्पिटल में आने वाले मरीजों को बेहतर सुविधाएं नहीं मिलनी चाहिए। प्रबंधन अनदेखी कर रहा है।

साकेत

ह्रद्घद्घद्बष्द्बड्डद्य ह्यह्लड्डठ्ठस्त्र

हमलोग हास्पिटल की व्यवस्था को ठीक करेंगे। सारे विभाग सुपरस्पेशियलिटी में ही शिफ्ट होंगे तो मरीजों को परेशानी नहीं होगी। वहां पर लिफ्ट और रैंप दोनों की सुविधा मरीजों को मिलेगी। हास्पिटल में सेकेंड फेज का काम शुरू हो चुका है।

डॉ.एसएस हरिजन, सिविल सर्जन, रांची