- लापरवाही बरतने पर हो सकते हैं कई तरह के नुकसान

- डॉक्टरों ने दी होशियार रहने की सलाह, प्राइमरी ट्रीटमेंट जरूरी

ALLAHABAD: दिवाली पर पटाखों से होशियार रहना बेहद जरूरी है। जरा सी लापरवाही से शरीर को कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। झुलस जाने के अलावा, देखने, सुनने और सांस लेने की शक्ति भी क्षीण हो सकती है। डॉक्टर्स का कहना है कि हर साल ऐसे मामले भारी संख्या में आते हैं। नुकसान होने के बाद मरीजों को प्राइमरी ट्रीटमेंट सही दिशा में लेना चाहिए, इसके तुरंत डॉक्टरों की सलाह लेना जरूरी होता है।

ठंडे पानी से धुलकर लगाएं क्रीम

पटाखे फोड़ने के दौरान झुलसने वालों की संख्या पिछले साल चार दर्जन से अधिक थी। इनमें से कई गंभीर मरीज भी शामिल थे, जिनके शरीर के अंग बुरी तरह डैमेज हो गए थे। स्किन स्पेशलिस्ट डॉ। शक्ति बसु कहते है कि अगर शरीर का कोई हिस्सा पटाखे से जलता है तो उसे तुरंत ठंडे पानी से धुलकर एंटी बायटिक क्रीम लगानी चाहिए। फिर डॉक्टर से मिलना चाहिए। पटाखों की धुएं में कई हानिकारक केमिकल होते हैं जो त्वचा में एलर्जी पैदा कर सकते हैं। इसलिए पटाखे जलाने के बाद हाथ और चेहरे को साबुन से धो लेना चाहिए।

जा सकती है आंखों की रोशनी

बहुत करीब से पटाखे जलाने से आंखों की रोशनी भी जा सकती है। पटाखों की चमक या उसकी चिंगारी चले जाने से कार्निया डैमेज हो सकती है। ऐसे में सबसे पहले ठंडे पानी से आंखों को धुलना चाहिए। एमडीआई हॉस्पिटल के डायरेक्टर प्रो। एसपी सिंह कहते हैं कि आंखों को रगड़ना नहीं चाहिए। इससे अंदर घाव भी हो सकता है, जिसकी रिकवरी होने में देर लगती है।

खो सकते हैं सुनने की शक्ति

पिछले साल ऐसे कई मामले सामने आए थे जिनमें लोगों ने पटाखे की तेज आवाज के चलते कम सुनाई देने या बहरेपन की शिकायत की थी। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी व ईएनटी सर्जन डॉ। जवाहर कुशवाहा कहते हैं कि तेज आवाज के चलते अगर कानों की श्रवण शक्ति डैमेज हो गई है तो कान में कोई भ्ीा दवा, पानी या तेल नहीं डालना चाहिए। कॉटन प्लग लगाने के बाद सीधे डॉक्टर के पास जाना चाहिए।

पड़ सकता है अस्थमा का अटैक

पटाखों से होने वाला प्रदूषण अस्थमा के मरीजों के लिए घातक साबित हो सकता है। दीवाली के दौरान कई लोग सांस के रोगी इसका शिकार हो जाते हैं। टीबी एंड चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ। आशुतोष गुप्ता कहते हैं कि ज्यादा दिक्कत होने पर अस्थमा का अटैक पड़ सकता है। इसलिए रोगियों को पटाखे जलाए जाने के बाद बंद कमरे में रहना चाहिए। एहतियात के तौर पर अपने साथ इनहेलर जरूरी रखना चाहिए। ज्यादा दिक्कत होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।

ये तरीके अपनाना बेहद जरूरी

- बच्चे पटाखे छुड़ाएं तो साथ में घर के बड़ों को रखना चाहिए।

- घर में अस्थमा या हार्ट का मरीज हो तो पटाखों से दूरी बनाए रखें।

- पटाखे दूर से छुड़ाएं, बहुत करीब जाना खतरनाक साबित होता है।

- आसपास पेट्रोल मिट्टी का तेल या गैस सिलेंडर मत रखें।

- छोटे बच्चों को पटाखा छुड़ाने वाले स्थान से दूर ले जाएं।

- पालतू जानवरों को दूर बांधना चाहिए। वह इरीटेट हो सकते हैं।

- घर में फ‌र्स्ट एड बॉक्स जरूर रखें। जिसमें कॉटन, एंटी बायटिक क्रीम, डेटाल, पट्टी आदि होना चाहिए।

बॉक्स

खुली रहेगी इमरजेंसी, हॉफ डे ओपीडी

दिवाली के मौके पर तीन दिनों तक सरकारी हॉस्पिटल्स समेत सीएचसी व पीएचसी की ओपीडी हॉफ डे रहेगी। इस दौरान इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेंगी, डॉक्टर्स को भी ऑन काल रहने को कहा गया है। सीएमओ डॉ। पदमाकर सिंह ने बताया कि तीन दिनों तक सार्वजनिक अवकाश होने की वजह से 12 बजे के बाद ओपीडी बंद कर दी जाएगी। बेली हॉस्पिटल के सीएमएस डॉ। वीके सिंह के मुताबिक इमरजेंसी सेवाओं को मुस्तैद रखा गया है।