‘गोल्ड’ यानी शुभ और शुद्ध भी। जब यह ज्वेलरी के रूप में हो तो आपकी खूबसूरती में चार चांद लगा दे। जब आप किसी को यह गिफ्ट के रूप में दे तो, देने वाले का इंप्रेशन बन जाए और लेने वाले का दिल यकीनन बाग-बाग हो जाए। जिसके लॉकर में जितना ज्यादा गोल्ड, उसकी छाती उतनी ही चौड़ी। समय बदला और गोल्ड ने भी अपनी नई पहचान बनाई। पिछले कुछ सालों में इकोनॉमी के उतार-चढ़ाव के बीच गोल्ड में लोगों का विश्वास लगातार बढ़ता गया और अब स्थिति यह है कि जमशेदपुरआइट्स हर महीने लगभग 85 करोड़ रुपए गोल्ड में इंवेस्ट कर रहे हैं। जी हां, सिटी में हर महीने लगभग 250 करोड़ रुपए का गोल्ड का बिजनेस होता है। इसमें 35 परसेंट गोल्ड क्वाइन का बिजनेस है।

चंद रुपयों से हजारों तक का सफर
आपको पता है, 1925 में गोल्ड का प्रति 10 ग्राम रेट 18.75 रुपए था। साल दर साल अपने प्रजेंस को स्ट्रांग करते हुए 2012 में आपके सामने गोल्ड 30 हजार तक पहुंच चुका है। 1969 में गोल्ड का प्रति 10 ग्राम का रेट 150 रुपए था और अब 30 हजार रुपए। यानी तब से अभी तक 200 परसेंट रिटर्न दिया है गोल्ड ने। पिछले सिर्फ चार साल की बात की जाए तो 2008 में गोल्ड के प्रति 10 ग्राम का रेट 9890 रुपए था यानी चार साल में लगभग तीन गुना बढ़ चुका है। आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि इतना रिटर्न और कहां से मिल सकता है।

पिछले 3-4 साल में गोल्ड में इंवेस्टमेंट काफी बढ़ा है
आई नेक्स्ट ने सिटी के कई ज्वेलरी शॉप के ओनर्स से बात की। पता चला कि पिछले 3-4 सालों में गोल्ड में इंवेस्टमेंट काफी बढ़ा है। ज्वेलरी शॉप के ऑनर अनिल कुमार का कहना था कि गोल्ड क्वॉइन के सेल से यह पता चलता है कि गोल्ड में इंवेस्टमेंट करने में लोगों का इंटरेस्ट काफी बढ़ा है। उनका कहना है कि 2008 तक गोल्ड के सेल में क्वॉइन का परसेंटेज जहां 5-10 परसेंट भी मुश्किल से होता था वहीं अब यह बढक़र 35 परसेंट के आस-पास हो गया है।

सबसे safe investment है गोल्ड
मार्केट एक्सपर्ट अनिल अग्रवाल का कहना है कि गोल्ड शेयर मार्केट की तरह उथल-पुथल से दूर रहता है। उन्होंने कहा कि गोल्ड का रेट कम भी हो जाए तो वह ज्यादा लंबा नहीं होता। गोल्ड का नेचर ही आगे बढऩे कहा होता है। उनका कहना है कि इकोनॉमिक क्राइसिस में जब सब कुछ डूब जाता है तब भी गोल्ड एसेट के रूप में बड़े काम का चीज होता है। सिटी में ज्वेलरी
शॉप के ऑनर अभिषेक कहते हैं कि हर साल शुरू और लास्ट में कंपेयर किया जाए तो कम से कम 15-20 का ग्रोथ गोल्ड के रेट में होता है। ऐसे में लोग अब रिटर्न को ध्यान में रखकर गोल्ड में इंवेस्ट करने
लगे हैं।

For your infirmation

- सिटी में हर महीने 250 करोड़ रूपए का गोल्ड का बिजनेस होता है।
- गोल्ड के टोटल बिजनेस का लगभग 35 परसेंट यानी लगभग 85-87 करोड़ रुपए के गोल्ड क्वॉइन का सेल होता है।
-गोल्ड क्वॉइन का सेल इंवेस्टमेंट को दर्शाता है।
-पिछले चार साल में गोल्ड का रेट तीन गुना बढ़ चुका है।
-1969 में गोल्ड का प्रति दस ग्राम रेट 150 रुपए था जो 2012 में 30 हजार रूपए हो गया है।
-1925 में गोल्ड प्रति दस ग्राम का रेट 18.75 रुपए था।

मैं 3 साल पहले तक सिर्फ शेयर में ही इंवेस्ट करता था। उसमें कई बार अच्छा रिटर्न मिला तो कई बार पैसा भी डूबा। मैंने अपने कुछ फ्रेंड्स से बात की तो उन्होंने मुझसे गोल्ड में इंवेस्ट करने की सलाह दी। आज मेरा टोटल इंवेस्टमेंट का लगभग 60 परसेंट गोल्ड में है।
- उज्जवल, बिजनेसमैन

पिछले तीन-चार सालों में गोल्ड में इंवेस्टमेंट बढ़ा है। अब तो कस्टमर कहते हैं कि वे इंवेस्ट करने के लिए ही गोल्ड क्वॉइन खरीदते हैं। कई कस्टमर तो गोल्ड क्वॉइन के लिए एडवांस बुकिंग करा रहे हैं ताकि रेट बढऩे पर उन्हें इसका फायदा मिलता रहे। गोल्ड का रेट तो बढ़ा है लेकिन लोग इसे इंवेस्टमेंट के लिए ले रहे।
- अभिषेक, ज्वेलरी शॉप के ओनर