- इस्माईल पीजी कॉलेज के गांधी अध्ययन केंद्र में दो दिवसीय नेशनल सेमिनार का समापन हुआ

Meerut : देश में स्त्रियां आज भी सुरक्षित नहीं हैं। जब तक स्त्रियां सुरक्षित नहीं होगी तब तक गांधी का सपना साकार नहीं होगा, इस्माईल पीजी कॉलेज के गांधी अध्ययन केंद्र में आयोजित नेशनल सेमिनार में अमेरिका से आए डॉ। तन्मय के कुछ इसी तरह के विचार थे। उन्होंने कहा कि स्वराज्य को स्वच्छता, अहिंसा, महिलाओं व बेटियों को स्वतंत्रता व बेटियों को शिक्षा व सम्मान की आवश्यकता है। इस दौरान मुख्य वक्ता सीसीएसयू के वीसी वीसी गोयल ने भी गांधी के विचारों पर प्रकाश डाला। इसके बाद प्रोफेसर डॉ। अर्चना शर्मा ने रचनात्मक कार्यक्रमों द्वारा युवाओं द्वारा किस तरह समाज में परिवर्तन लाया जा सकता है इस बारे में बताया। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी से आई वक्ता डॉ। आशु पसरीचा ने कहा कि गांधी के सिद्धांतों को प्रैक्टिकल में लाने की आज बेहद आवश्यकता है। डॉ। केके शर्मा ने गांधी के आंदोलनों की वर्तमान संदर्भ प्रासंगिकता को सिद्ध किया। सेमिनार में डॉ। चित्रा भाटिया, डॉ। जिले सिंह, डॉ। जयकुमार सरोहा, डॉ। रेनू सक्सेना, डॉ। मनमीत कौर, डॉ। अंजली आदि ने सत्रों अध्यक्षता की। डॉ। दुष्यंत, डॉ। देंवेंद्र सिरोही, डॉ। सलीम, डॉ। रेनू, डॉ। शालिनी त्यागी, डॉ। लता कुमार, डॉ। सुधा गोयल, डॉ। मनोज त्रिपाठी, डॉ। अजीत आदि ने शोधपत्र प्रस्तुत किया। सेमिनार में डॉ। शिवाली अग्रवाल ने दो दिवसीय सेमिनार में पढ़े शोध पत्रों पर प्रकाश डाला। इस दौरान डॉ। शगुफ्ता, डॉ। ममता सिंह, डॉ। उजमा जुबैरी, तनु अग्रवाल, डॉ। मनी महाजन, डॉ। कविता गर्ग, डॉ। ललिता त्यागी, निशा गुप्ता, अकांक्षा, रीतिका आदि का योगदान रहा।