-रोगी कल्याण समिति की समीक्षा बैठक की गई, समिति को तीन करोड़ का बजट

- अटेंडेंट के ठहरने व खाने-पीने की व्यवस्था की जाएगी

PATNA: पीएमसीएच में रोगी कल्याण समिति की मीटिंग में सेफ्टी का मुद्दा छाया रहा। पटना के कमिश्नर नर्मदेश्वर लाल की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में पहले के निर्णयों की समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि सबसे पहले एंट्रेस के पास से ही सुधार होना चाहिए। एंट्रेस प्वाइंट को फ्री रखना चाहिए। गेट का आउटलुक को बेहतर किया जाना चाहिए। इसमें पहले लिए गए निर्णयों के बारे में चर्चा की गई और वर्तमान की जरूरतों पर बात की गई। पेशेंट कन्सर्न को लेकर पहले लिए गए निर्णयों की समीक्षा की गई। इसमें सुपरिंटेंडेंट डॉ लखींद्र प्रसाद, डिप्टी सुपरिंटेंडेंट डॉ सुधांशु सिंह, हेल्थ मैनेजर आलोक रंजन, मेडिसीन और गाइनी डिपार्टमेंट के हेड, भवन निमार्ण विभाग के इंजीनियर्स व अन्य मौजूद थे।

हॉस्टल में भी हो चुकी है कई घटना

कैंपस में बीते एक साल में कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिसके कारण इसकी सेफ्टी का मुद्दा सबसे ऊपर रहा। कमिश्नर ने कहा कि कैंपस की सिक्योरिटी से कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। जानकारी हो कि हॉस्टल में चोरी की घटना, बाहरी लोगों के कैंपस में आकर स्टूडेंट्स के साथ मारपीट और बच्चा चोरी जैसी बीती प्रमुख घटनाओं ने इस बात को महत्वपूर्ण बनाया।

90 दिन में पैसा लौटाना होगा

पेशेंट को दवा व अन्य खर्चे के कारण इलाज खर्चीला होता है। इसके लिए समिति हेल्प करेगा। समिति के पास इसके लिए सालाना तीन करोड़ रुपए का बजट दिया गया है। इसमें आवश्यकतानुसार खर्च किया जा सकता है। लोन लेने वाले पेशेंट को 90 दिन में पैसा लौटाने का प्रावधान शामिल है। इमरजेंसी के पीछे की बिल्डिंग में पेशेंट के ठहरने और उसी में उपर के फ्लोर पर खाना बनाने व कैफेटेरिया की व्यवस्था की जाएगी। इस समीक्षा मीटिंग में निर्देशों का अनुपालन करने का आदेश दिया गया।

जो निर्णय लिए गए

-कैंपस की सेफ्टी चाक-चौबंद किया जाए।

-पेशेंट के अटेंडेंट के ठहरने व खाने-पीने की व्यवस्था दुरुस्त की जाए।

-रोगी कल्याण समिति सालाना तीन करोड़ रुपया खर्च करेगा।

-आउटसोर्सिग वर्क की समीक्षा हो।