AGRA: मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की यह अच्छी और सराहनीय पहल है। हम भी चाहते हैं कि अपने प्रदेश के विकास में सहभागी बनें, लेकिन सुरक्षा, सुविधा, सहूलियत और इंफ्राक्ट्रक्चर तो मिले। यहां पर भ्रष्टाचार और सरकारी हस्तक्षेप काफी है, जिसके कारण उत्तर प्रदेश में कुछ कर पाने से पहले डर लगता है। ये कहना है प्रवासियों का।

बने फ्री जोन एरिया

लखनऊ के जमाल असगर राना की दुबई में कैमिकल की फैक्ट्री है। अन्य कारोबार भी विदेशों में उनके संचालित हैं। उत्तर प्रदेश में व्यापार और निवेश करने का कोई मन नहीं है। उन्होंने बताया कि यहां पर सुरक्षा और सुविधाओं का अभाव है। भ्रष्टाचार और राजनैतिक हस्तक्षेप काफी है। इंफ्राक्ट्राक्चर नहीं है। अगर प्रदेश में निवेश और व्यापार की संभावनाओं को बलबती बनाना है तो, इसके लिए फ्री जोन एरिया और सिंगल विंडो सिस्टम होना चाहिए। तभी यहां पर निवेश की संभावनाएं प्रबल और सार्थक होंगी।

यहां जैसी हों सुविधाएं

खंदारी के रहने वाले एनआरआई आलोक नगायच अबूधाबी में मैकेनिक मैनेजर हैं। उन्होंने कहा कि यूपी में सभी संभावनाएं बंद हैं। यहां पर सरकारी दखल है। अन्य प्रदेशों की अपेक्षा यहां पर टैक्स अधिक है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में निवेश और व्यापार तभी संभव है जब गुजरात, एमपी, महाराष्ट्र केरल आदि प्रदेशों जैसी सुविधाएं हों।

16 हस्तियों को उप्र अप्रवासी भारतीय रत्न

यूपी मूल के 16 अनिवासी भारतीयों को असाधारण व प्रशंसनीय योगदान व राज्य के विकास में सहयोग के लिए 'उत्तर प्रदेश अप्रवासी भारतीय रत्न पुरस्कार' से सम्मानित किया। जिन अनिवासी भारतीयों को सम्मानित किया गया उनमें त्रिनिदाद एंड टुबैगो के पूर्व प्रधानमंत्री बासदेव पांडेय, यूनाइटेड किंगडम के हाउस ऑफ लॉडर्स के सदस्य व स्वास्थ्य क्षेत्र के प्रोफेशनल डा। खालिद हमीद, ग्लोबल आर्गनाइजेशन ऑफ पीपुल ऑफ इंडियन ओरिजनके प्रेसिडेंट अशोक रामसरन, प्रख्यात उद्यमी, समाज सेवी व लेखक फ्रैंक एफ इस्लाम, विख्यात गायिका व समाज सेविका अल्का भटनागर, उद्यमी कंवल रेखी, आपातकालीन औषधि विशेषज्ञ डा। कृष्ण कुमार, वेंचर कैपिटलिस्ट व हेल्थकेयर प्रोफेशनल डा। नंदिनी टंडन, वरिष्ठ वैज्ञानिक डा। श्रीनाथ सिंह , वेंचर कैपिटलिस्ट, शोध वैज्ञानिक व समाज सेविका तलत एफ हसन, राजनयिक, पार्लियामेंटेरियन डा.राजन प्रसाद, समाज सेविका सुमन कपूर, स्वास्थ्य क्षेत्र के उद्यमी डा.अतात खान, शिक्षा व अभियंत्रण क्षेत्र के नदीम अख्तर तरीन, वेंचर कैपिटलिस्ट व उद्यमी डा। राजिन्द्र तिवारी, तथा शिक्षा क्षेत्र के प्रोफेसर राजेश चंद्रा शामिल थे।