एटीएस की गोपनीय फाइलों में दर्ज हैं सफी की करतूतें

लखनऊ में हुई मीटिंग को लेकर जताई थी गहरी नाराजगी

सीरिया में हमले में सफी अरमर की मौत की पुष्टि नहीं

ashok.mishra@inext.co.in

LUCKNOW: आईएस के इंडिया चीफ सफी अरमर की सीरिया में द्रोण हमले में मौत की सूचना अ रही है, हालांकि इसी अभी पुष्टि होना बाकी है। हालांकि मौत से पहले उसकी तमाम करतूतें यूपी एटीएस के गोपनीय दस्तावेजों में दर्ज हो चुकी है। लखनऊ और कुशीनगर से पकड़े गये आईएस आतंकी अलीम और रिजवान के साथ सीधे सम्पर्क में था। लखनऊ में हुई एक मीटिंग में देवबंद के इकराम को 'आमिर' बनाये जाने पर गहरी नाराजगी जताई थी और उसने आईएस के फ‌र्स्ट इंडिया कमांडर मुदब्बिर शेख को जमकर फटकारा था। एटीएस के सूत्रों की मानें तो उसने साफ लफ्जों में मुदब्बिर, रिजवान और अलीम से कहा था कि 'आमिर' बनाने का हक केवल खलीफा (आईएस प्रमुख बगदादी) को है।

'खलीफा' की मर्जी से बनेगा

अलीम और रिजवान की गिरफ्तारी के बाद इकराम को भी एनआईए ने मध्य प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया था। उसने जांच एजेंसियों को बताया कि लखनऊ में मीटिंग में उसे 'आमिर' बनाने का फैसला लिया गया क्योंकि उसे इस्लाम की अच्छी जानकारी थी। वह कई सालों तक देवबंद में इस्लाम के बारे में खासा अध्ययन कर चुका था। इसके बाद मुदब्बिर ने जानकारी सफी को फोन पर दी। इसके लिए खास कम्प्यूटर एप्लीकेशन का इस्तेमाल किया गया। करीब आधे घंटे तक बातचीत के दौरान सफी ने सबको जमकर फटकारा। उसने कहा कि खलीफा की मर्जी के मुताबिक मुदब्बिर ही 'आमिर' बना रहेगा। साथ ही उसने मुदब्बिर और रिजवान को जमकर फटकार भी लगाई कि तुम लोगों को जो काम सौंपा गया हो, उस पर ध्यान दो। मेरी मर्जी के बगैर कोई भी फैसला नहीं लिया जाएगा। मैं कुछ लोगों को भेजने वाला हूं जो काम पूरा होने में तुम लोगों की मदद करेंगे। बता दें कि सफी के आदेश पर ही मुदब्बिर और रिजवान मुंबई में पनवेल के पास आईएस का एक कैम्प बनाने की फिराक में थे।

विदेशी मददगारों को भेजने वाला था

एटीएस के सूत्रों के मुताबिक, सफी हरिद्वार समेत देश के प्रमुख स्थानों पर सीरियल बम धमाकों के लिए कुछ विदेशियों को भेजने की फिराक में था। उसने ही मुदब्बिर को विस्फोटक खरीदने के लिए छह लाख रुपये दिये थे। बाद में एनआईए ने मझगांव के जमील अहमद को गिरफ्तार किया था जिसने पूछताछ में बताया था कि उसने मुदब्बिर के कहने पर पाउडरनुमा विस्फोटक खरीद लिए थे। पुलिस की गतिविधियां बढ़ने के बाद वह डर गया और होटल के बाथरूम में फेंक दिया। रिजवान और मुदब्बिर बेरोजगार युवकों को बरगलाने के बाद उन्हें काबुल के रास्ते सफी अरमर के पास सीरिया भेजते थे। दोनों ने मुंबई के अयाज को इसी तरह सीरिया भेजा था। अयाज के साथ बीपीओ कंपनी में काम करने वाले कई अन्य युवक उनके सम्पर्क में थे। मालूम हो कि इस बैठक में मुदब्बिर, रिजवान, अलीम, इकराम के अलावा अखलाक उर रहमान, मोहम्मद ओसामा, मोहम्मद अजीम और मोहम्मद मेराज भी मौजूद थे। बाद में एनआईए ने देश में सक्रिय आईएस नेटवर्क का खुलासा करते हुए जनवरी माह में इन सभी को गिरफ्तार कर लिया था।

सफी के मौत होने की पुष्टि नहीं

सीरिया में सफी अरमर के द्रोण हमले में मारे जाने की पुष्टि अभी नहीं हो सकी है। आईबी और एनआईए भी इस बारे में सूचनाएं जुटा रही हैं। जांच एजेंसियां अफगानिस्तान और सीरिया में अपने सम्पर्को की मदद से पुष्टि के प्रयास में जुटी हैं। आईजी एटीएस असीम अरुण ने 'आई नेक्स्ट' को बताया कि अभी तक सफी अरमर की मौत की अधिकृत रूप से पुष्टि नहीं हुई है। उन्होंने माना कि वह यूपी में सक्रिय आईएस के माड्यूल्स के सम्पर्क में था और उन्हें लगातार मदद मुहैया करा रहा था।

अभी तक सफी अरमर की मौत की अधिकृत रूप से पुष्टि नहीं हुई है। सफी यूपी में सक्रिय आईएस के माड्यूल्स के सम्पर्क में था और उन्हें लगातार मदद मुहैया करा रहा था।

-असीम अरुण, आईजी एटीएस