- शहीद की अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब, बेटे ने दी मुखाग्नि

- हरिद्वार के खड़खड़ी शमशान घाट पर सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

- राज्य सरकार देगी शहीद परिवार के एक सदस्य को नौकरी

ष्ठश्व॥क्त्रन्ष्ठहृ: जम्मू कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते शहीद हुए जाबांज नायक दीपक नैनवाल को ट्यूजडे को हजारों नम आखों के साथ विदाई दी गई। वहीं, हरिद्वार स्थित खड़खड़ी शमशान घाट पर सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके साढ़े तीन वर्षीय बेटे रेयांश ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी। इधर, शहीद की अंतिम यात्रा में उमड़े हुजूम के बीच लोगों में पाकिस्तान को लेकर भारी रोष दिखा। पाकिस्तान मुर्दाबाद के भी नारे लगे। कहा, अब शहादतें बहुत हो चुकी। पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब देने का वक्त आ गया है।

गमगीन माहौल के बीच सैकड़ों ने किए अंतिम दर्शन

सुबह जैसे ही शहीद का पार्थिव शरीर उनके हर्रावाला स्थित आवास पर पहुंचा। वैसे ही उनके परिजन रो-बिलख उठे। सभी का रो-रोकर बुरा हाल था। हर किसी के आंखों में आंसू थे। गमगीन माहौल के बीच परिजनों के अलावा मौजूद सैकड़ों लोगों ने शहीद के अंतिम दर्शन किए। शहीद की मां पार्वती देवी रोते-रोते बेहोश हो गई। शहीद के दर्शनों को हुजूम इतना था कि आसपास लोग घरों की छतों पर चढ़ गए। इस दौरान सैन्य टुकड़ी ने शहीद को सलामी दी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उनके आवास हर्रावाला पर पहुंचकर श्रद्धाजंलि अर्पित की। सीएम ने शहीद के किसी एक सदस्य को नौकरी दिए जाने की भी घोषणा करते हुए कहा कि यह गर्व की बात है कि देवभूमि के जांबाज अपनी शहादत देकर देश की सीमाओं की रक्षा के लिए प्राणों की बाजी लगा रहे हैं।

पिता ने सैन्य टोपी पहनकर किया सैल्यूट

शहीद का पार्थिव शरीर घर के आंगन में अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया था। तो इस बीच शहीदद की छह वर्षीय बेटी लावण्या व साढ़े तीन साल का बेटा रेयांश कभी मां व कभी दादी से घर में भीड़ लगने व रोने के बारे में पूछ रहे थे। दोनों की मासूमियत को देख हर किसी का दिल भर आया। शहीद के पिता रिटायर्ड ऑनरेरी कैप्टन चक्रधर नैनवाल ने कहा कि बेटे की शहादत पर उन्हें फक्र है, भावुक होकर कहने लगे बेटे ने मुझे कंधा देना था, लेकिन आज मुझे बेटे को कंधा देना पड़ रहा है। वे फफक-फफक कर रोने के बावजूद उन्होंने सैन्य टोपी पहनकर बेटे को सलामी दी।