साहू एकता मंच के सामूहिक विवाह समारोह में शामिल हुई जशोदाबेन मोदी

ऐन टाइम पर प्रशासन ने पीछे 2ाीचा हाथ, बुधवार शाम रद की थी परमिशन

नगर निगम ने 5ाी नहीं दी सुविधा, टॉयलेट और पानी के लिए 5ाटके लोग

ALLAHABAD: क5ाी-क5ाी राजनीतिक फायदे-नुकसान रिश्तों पर 5ारी पड़ने लगते हैं। गुरुवार को केपी कॉलेज मैदान पर आयोजित साहू एकता मंच के सामूहिक विवाह समारोह में कुछ ऐसा ही दे2ाने को मिला। कहने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पत्नी समाजसेविका जशोदाबेन मोदी कार्यक्रम की मु2य अतिथि, लेकिन रुतबा नदारद था। पुलिसिया इंतजाम तो छोडि़ए, प्रशासनिक ताना-बाना 5ाी नजर नही आया। यहां तक कि सुरक्षा के नाम पर जशोदाबेन के पास गुजरात से 5ोजी गई सि1योरिटी ही मौजूद थी।

समाज ने बनाया घेरा, मंच पर पहुंचीं

पीएम की पत्नी हैं तो तमाम सुविधाएं और रुतबा कायम रहेगा, ऐसा सोचने वालों के लिए गुरुवार को केपी कॉलेज में जो घटा वह जानना जरूरी है। सुबह शहर पहुंची जशोदाबेन ने सिविल लाइंस स्थित श्रीहनुमत निकेतन में दर्शन किए और उसके बाद वह गेस्ट हाउस में सोने चली गई। दोपहर 2:45 पर वह केपी कॉलेज के मंच पर पहुंची तो उनके साथ गुजरात पुलिस के तीन जवान थे। इनमें से एक इंस्पे1टर और दो सिपाही थे। साहू समाज के लोगों ने जरूर उनकी सुरक्षा का पूरा 2याल र2ा।

नही मिले टैंकर और मोबाइल टॉयलेट

संगठन के पदाधिकारी 5ाी हैरान हैं कि बुधवार की शाम प्रशासन ने कार्यक्रम की अनुमति देने के बाद उसे अचानक रद कर दिया। हजारों लोगों की तादाद को दे2ाते हुए नगर निगम से आधा दर्जन पानी के टैंकर और तीन मोबाइल टॉयलेट मांगे गए थे। महज दो टैंकर मिले और मोबाइल टॉयलेट एक 5ाी नहीं मिला। यहां तक कि पदाधिकारियों से अनुमति रद किए जाने के बाद कार्यक्रम नही किए जाने का 5ाी दबाव बनाया गया। लेकिन, वह नही माने और गुरुवार को 5ाव्य आयोजन किया गया। जिसमें दर्जनों जोड़ों ने अपने नए जीवन की शुरुआत की।

नहीं मिला अनुदान, नहीं आए मंत्री

उ6मीद थी कि इतने बड़े आयोजन में सरकार की ओर से विवाह अनुदान की राशि दी जाएगी। इसके तहत बीस-बीस हजार प्रति जोड़ा दिया जाता है। लेकिन, ऐसी कोई सहायता प्रदान नहीं की गई। सरकार के मंत्रियों ने 5ाी कार्यक्रम से दूरी बनाने में अपनी 5ालाई समझी। हालांकि पदाधिकारियों का कहना था कि आपसी सहयोग से वर-वधु को प्रत्येक सहायता प्रदान की गई। उन्होंने जशोदाबेन को मु2य अतिथि बनाने का निर्णय पहले कर लिया था।

हम लोग 2ाुद चकित थे कि परमिशन देने के बाद बुधवार शाम कैसे परमिशन कैंसिल कर दी गई। नगर निगम ने 5ाी कोई सुविधा प्रदान नहीं की। सरकार से कोई आर्थिक सहायता 5ाी नहीं मिली। हमसे पुलिस ने कार्यक्रम रद करने का दबाव बनाया लेकिन यह शादी समारोह था। कई जोड़ों के जीवन का सवाल था।

चंद्रिका प्रसाद साहू, राष्ट्रीय अध्यक्ष, साहू एकता मंच