फ़ाइनल में उन्होंने भारत की ही पीवी सिंधु को 21-14, 21-17 से मात दी. दर्शकों से खचाखच भरे बीबीडी अकादमी में शीर्ष वरीयता प्राप्त साइना ने दूसरी सीड सिंधु को केवल 40 मिनट में मात दे दी.

साइना ने सिंधु के ख़िलाफ़ शुरू से ही आक्रामक रुख़ अपनाया जबकि सिंधु केवल रिटर्न ही करती रहीं. पूरे मैच के दौरान सिंधु का खेल बेहद रक्षात्मक रहा. कभी-कभी तो ऐसा लगा जैसे सिंधु साइना के बड़े नाम का दबाव महसूस कर रही हैं.

स्वर्णिम कामयाबी

इंडियन ओपनः चीनी दबदबे के बीच चमका साइना का सितारा

सिंधु के स्मैश में कभी ज़ोरदार ताक़त नज़र नहीं आई, बस इसी का फ़ायदा उठाते हुए साइना ने लगातार एक के बाद एक स्मैश और नेट पर ज़बरदस्त खेल दिखाकर साबित कर दिया कि उनमें और सिंधु के खेल में अभी ज़मीन-आसमान का अंतर है. अपनी इसी ख़ूबी का प्रदर्शन साइना ने पहली इंडियन बैडमिंटन लीग में भी किया था.

इत्तेफाक़ से सिंधु को वहां भी साइना के ख़िलाफ़ एक नहीं बल्कि दो बार हार का सामना करना पडा था.

इंडियन ओपन में भारत को यही एकमात्र स्वर्णिम कामयाबी मिली. पुरुष एकल के फ़ाइनल में छठी वरीयता प्राप्त भारत के के श्रीकांत नौवीं सीड चीन के झी सोंग से 16-21, 21-19 और 21-13 से हार गए.

चीन का दबदबा केवल यहीं नहीं रहा. उसने पुरुष युगल, महिला युगल और मिश्रित युगल के ख़िताब भी अपने नाम किए.

इंडियन ओपन में अपनी जीत से उत्साहित साइना ने कहा कि उम्मीद करती हूं कि अब जब सब कुछ अच्छा चल रहा है तो आगे भी ऐसा ही चलता रहे. यह सब कुछ अच्छे फॉर्म पर निर्भर करता है और ऐसे फॉर्म का लगातार बने रहना ज़रुरी है.

बैडमिंटन रैंकिंग

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उल्लेखनीय है कि साइना पिछले लगभग 15 महीनों से अपनी चोट और ख़राब फॉर्म से जूझ रही हैं. इस दौरान उनकी विश्व बैडमिंटन रैंकिंग भी गिरकर नौवें पायदान पर पहुंच गई. साइना ने स्वीकार किया कि वह हर टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन करना चाहती हैं लेकिन सब कुछ उनके हाथ में नहीं है.

साइना ने यह भी साफ़ किया है कि कभी-कभी परिणाम सकारात्मक आते हैं तो कभी नकारात्मक लेकिन इस साल वह कम टूर्नामेंट खेलकर अधिक से अधिक ध्यान अपनी फिटनेस पर देंगी.

इस टूर्नामेंट में चीनी खिलाड़ियों की चुनौती से पार पाने की बात पर साइना ने कहा कि चीनी खिलाड़ी बेहद मज़बूती से खेलते हैं और उनके ख़िलाफ़ लम्बी-लम्बी रैलियों पर अपनी आक्रामता पर काबू रखकर उन्हें मात दी जा सकती है.

अब देखना है कि कामयाबी का स्वाद एक बार फिर चखने के बाद साइना अपनी फॉर्म को बरक़रार रख पाती हैं या नहीं क्योंकि समर्थकों की उम्मीदों का भार तो उनके कंधो पर हमेशा रहेगा.

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