श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़े की पेशवाई में रास्ते भर बजता रहा देशभक्ति और धार्मिक गीत, सोफा पर विराजमान संत-महात्मा होते रहे मंत्रमुग्ध

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PRAYAGRAJ: कुंभ मेला से पहले पेशवाई निकालकर श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा ने मेला क्षेत्र में मंगलवार को शाही अंदाज में प्रवेश किया। उसी क्रम को बरकरार रखते हुए गुरुवार को श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़ा की ओर से पूरी भव्यता और उल्लास के माहौल में पेशवाई निकाली गई। अखाड़े की पेशवाई में प्रयागराज व हरिद्वार से मंगाए गए शाही बैंड ने देशभक्ति और धार्मिक गीतों की सुरलहरी छेड़ी। इस दौरान नागा संन्यासियों द्वारा बुलेट व कार खींचना हर किसी को अचंभित करता रहा।

दही-पापड़, अचार का प्रसाद

श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़े की पेशवाई नैनी के मड़ौका रोड के समीप अखाड़े की प्रयागराज शाखा से पेशवाई का श्रीगणेश हुआ। इसके पहले अखाड़े के परिसर में श्री महंत सत्या गिरि, श्री महंत नीलकंठ गिरि व श्री महंत कैलाश पुरी द्वारा पेशवाई निकालने के लिए शंखनाद किया गया। उसके बाद परिसर में उपस्थित नागा संन्यासियों, महामंडलेश्वरों व संत-महात्माओं को देवत्व प्रसाद के रूप में दही-पापड़ और खिचड़ी-अचार दिया गया। प्रसाद खाने-खिलाने का सिलसिला दोपहर बारह बजे तक अनवरत चलता रहा। इस दौरान जय गंगा मइया और हर-हर महादेव का उद्घोष किया जाता रहा।

मेला प्रशासन ने बरसाया फूल

अखाड़े की पेश् वाई का फूल और मालाओं से स्वागत करने के लिए सुबह दस बजे ही मेला प्रशासन के कार्यालय के सामने पंडाल सजा दिया गया था। जहां पर संत-महात्माओं के ऊपर फूल बरसाने के लिए गेंदा व गुलाब के फूल की पंखुडि़यां रखी गई थीं। जैसे ही आवाहन अखाड़े की पेश वाई पंडाल के सामने पहुंची वैसे ही अधिकारियों ने संत-महात्माओं का स्वागत माल्यार्पण कर किया और कर्मचारियों ने संतों पर पुष्प की वर्षा की।

जनमानस ने किया अभिवादन

नए यमुना ब्रिज की रेलवे क्रॉसिंग से लेकर संगम पुलिस चौकी के बीच सड़क के दोनों किनारों पर पेशवाई देखने के लिए जनमानस की भीड़ जुटी रही। पेशवाई क्रॉसिंग से जैसे-जैसे आगे बढ़ती रही वैसे-वैसे सड़क पर खड़े श्रद्धालु संत-महात्माओं का सिर झुकाकर अभिवादन करते रहे। इसको स्वीकार करते हुए महात्माओं ने भी अपनी माला तोड़कर उसमें से फूलों को श्रद्धालुओं के ऊपर फेंकते रहे।

महत्वपूर्ण तथ्य

06 हाथियों पर सवार होकर नागा संन्यासी चल रहे थे।

06 सदस्य अखाड़े का दो बड़ा-बड़ा झंडा लेकर आगे-आगे चल रहे थे।

04 घोड़ों पर नागा संन्यासी तलवार लेकर करतब दिखा रहे थे।

21 महामंडलेश्वर टै्रक्टर पर रखे गए सोफा पर विराजमान थे।

12 शाही बैंड प्रयागराज व हरिद्वार से आए थे।

55 लग्जरी चार पहिया वाहनों पर संत-महात्मा बैठे हुए थे।

05 घंटे में तय किया 12 किलोमीटर का रूट