- मेले में पहुंचे देश के विभिन्न मठ व आश्रमों के संत

- श्रीमद् भागवत कथा समेत अन्य धार्मिक अनुष्ठानों का हुआ शुभारम्भ

ALLAHABAD: माघ मेले में पहले स्नान पर्व से ही संतों की नगरी में भी रौनक दिखाई देने लगी। गुरुवार को मकर संक्रांति के स्नान के साथ ही संत व महात्माओं के पंडालों व कैंप में विविध प्रकार के धार्मिक अनुष्ठानों का भी श्रीगणेश हो गया। माघ मेले में देश के अलग-अलग प्रांतों से आए साधु संतों के कैंप में श्रीमद्भागवत कथा, रामलीला और भगवान श्री कृष्ण की रासलीला की शुरुआत का क्रम भी शुरू हो गया। इसके साथ ही पूरे मेला क्षेत्र में अलग-अलग एरिया में साधु संतों के कैंप में चलने वाले अन्न क्षेत्र का भी गुरुवार से शुरूआत हो गई। इसमें श्री मोरपंख मोरध्वज आश्रम, सुमेरू पीठाधीश्वर जगत गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती महाराज के कैंप समेत अन्य साधु संतों के कैंप शामिल हैं।

चरखी दादरी में रामलीला

माघ मेला क्षेत्र में मोरी मार्ग पर स्थित हरियाणा के चरखी दादरी आश्रम शिविर में भी गुरुवार से अन्न क्षेत्र का शुभारम्भ हो गया। आश्रम के पीठाधीश्वर स्वामी ब्रम्हाश्रम जी महाराज ने बताया कि प्रत्येक वर्ष माघ मेले में संक्रांति से माघी पूर्णिमा तक आश्रम की ओर से अन्न क्षेत्र का संचालन किया जाता है। इस बार भी संक्रांति से इसकी शुरुआत की गई है। इसके साथ ही शिविर में आज से रामलीला व रासलीला का शुभारम्भ भी हो गया। रामलीला व रासलीला कार्यक्रम का आयोजन सुबह 10 बजे से शाम सात बजे तक किया जा रहा है। ये आयोजन माघी पूर्णिमा तक चलेगा। शिविर में श्रद्धालुओं के लिए चाय नाश्ता, अन्न क्षेत्र शुरू हो गया है। श्रीमद्भागवत कथा पांच फरवरी से शुरू होकर 11 फरवरी तक चलेगी।