- लखनऊ में तीन साल से इंडिया कैंप में शामिल रहीं साक्षी

- रियो ओलंपिक में साक्षी के मेडल जीतने पर मनाई गई खुशियां

LUCKNOW: रियो ओलंपिक में वीमेन रेसलर साक्षी मलिक के ब्रांज मेडल जीतने पर राजधानी में जमकर खुशियां मनाई गई। सरोजनी नगर स्थित साई सेंटर में वीमेन रेसलर ने न केवल साक्षी की जीत की खुशी में मिठाईयां बांटी, बल्कि खिलाडि़यों के साथ तिरंगा लहरा कर साक्षी की हौसलाअफजाई भी की। पिछले पांच साल से वह राजधानी की सरमजीं पर कुश्ती के दांवपेंच सीख रही थी। आखिर उन्होंने वह मुकाम हासिल कर ही लिया जिसका ख्वाब उन्होंने संजो कर रखा था।

गीता और सरिता को दी थी मात

बुलंदियों के आसमान पर छा जाने वाली साक्षी मलिक के इस कामयाबी के पीछे लखनऊ को अनदेखा नहीं किया जा सकता है। ओलंपिक के लिए राजधानी में ऑर्गनाइज हुए क्वालीफाइंग में साक्षी ने गीता फोगाट और सरिता को हराकर भारतीय महिला कुश्ती टीम में अपनी जगह पक्की की थी। साक्षी मलिक ने साई सब सेंटर में 2011 में कदम रखा था। उस समय वह कैडेट गु्रप के लिए आयोजित किए गए इंडिया कैम्प का हिस्सा थी। उसके बाद वह जूनियर और सीनियर कैम्प में शामिल हुई। पिछले तीन सालों से वह सीनियर नेशनल कैम्प का हिस्सा हैं।

कुश्ती के अलावा कोई बात नहीं

साक्षी के कोचेज ने बताया कि कैंप में खिलाड़ी सभी अपना बेस्ट देने की कोशिश करते हैं, लेकिन साक्षी पर तो जुनून था। कुश्ती के अलावा वह कोई और बात भी नहीं करती। टीवी और फिल्म उसे पसंद नहीं आते। सेंटर में शेड्यूल के अनुसार, वह प्रैक्टिस पर पहुंचती। खिलाडि़यों ने बताया कि यहां पर अंडर-17 ग‌र्ल्स सब जूनियर और अंडर-20 ग‌र्ल्स जूनियर का इंडिया कैम्प चल रहा है। सब जूनियर की टीम को व‌र्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा लेने जार्जिया जाना है तो जूनियर की टीम को इसी चैंपियनशिप में हिस्सा लेने फ्रांस रवाना होना है।

जज्बे से जीता मेडल

कोच कृपा शंकर कहते हैं कि साक्षी मुकाबले में उतरते ही आक्रामक हो जाती। ऐसे में सामने वाले को संभलने का मौका नहीं मिल पाता। उसकी कोशिश होती कि जितनी जल्दी सामने वाले को पटक दिया जाए, उतनी जल्दी मुकाबला खत्म। अक्रामकता को कम करना जरूरी था। इसके अलावा कुछ दांव-पेंच में कमियां थी, उन्हें भी दूर किया गया। लेकिन मेडल की जीत उसकी अपनी है। इस जीत के पीछे वह जज्बा है, जो कुछ ही खिलाडि़यों में देखने को मिलता है।

साक्षी की जीत ने हम लोगों को जोश दोगुना कर दिया है। सभी खिलाड़ी बेहद उत्साहित हैं। अंडर-17 व‌र्ल्ड चैंपियनशिप जार्जिया में होनी है। ऐसे में हमारी टीम अब और कड़ा अभ्यास कर रही है।

- सिमरन

एशियन चैंपियन

साक्षी की जीत से भारतीय महिला पहलवान उत्साहित हैं। हमारी कोशिश है कि हम लोग भी ओलंपिक में अपने देश के लिए मेडल जीत सकें।

- नेना

नेशनल चैंपियन

साक्षी मलिक का सफर

रियो जेनेरियो ओलंपिक 2016 में ब्रांज

ग्लासगो कॉमनवेल्थ 2014 में सिल्वर

दोहा एशियन चैंपियनशिप 2015 में ब्रांज