- राष्ट्रीय पारिवारिक योजना में परिवार के मुखिया की मौत के बाद मिलता है लाभ

- ऑनलाइन आवेदन के बाद 45 दिन में समाज कल्याण विभाग नहीं दे सका लाभ

BAREILLY:

मृतक आश्रितों को एकमुश्त आर्थिक मदद के क्रम में भले ही शासन ने राष्ट्रीय पारिवारिक योजना शुरु की हो, लेकिन जिले में आश्रित लाभ की बाट जोह रहे हैं। इस वर्ष करीब 11 सौ आवेदकों में से अभी 666 आवेदक अधिकारियों के दर पर चक्कर काटने को मजबूर हैं। जिन्हें मियाद गुजर जाने के बाद भी योजना का लाभ नहीं मिला है। बता दें कि ऑनलाइन आवेदन करने के 30 दिनों में आवेदन का निस्तारण व 45 दिनों के अंदर लाभार्थी को लाभान्वित किए जाने का शासनादेश है।

लास्ट ईयर की डिटेल्स नहीं पता

आलम यह है कि पिछले साल कितने आवेदन आए थे, इसकी जानकारी समाज कल्याण अधिकारी को नहीं है। इस वित्तीय वर्ष में आए 1110 आवेदनों में से महज 444 पात्रों को लाभांवित कराकर अधिकारी फूले नहीं समा रहे हैं। जबकि 283 लाभ पाने के लिए अभी कतार में खडे़ हैं। शेष 383 को कब तक लाभ मिलेगा इसका संतोषजनक जबाव उनके पास नहीं है। योजना में कोताही पर समाज कल्याण विभाग अधिकारी व कर्मचारी की जवाबदेही तय की गई। लेकिन शासन की मंशा पर समाज कल्याण विभाग पानी फेर रहा है।

एक नजर में

- आवेदक की आय ग्रामीण क्षेत्र में 46 हजार और शहर में 80 रुपए हो

- कमाऊ मुखिया की मृत्यु केसाल के अंदर आवेदन करना अनिवार्य है

- आवेदन की तिथि से 45 दिन के अंदर पात्र का सर्वे कर देना है लाभ

- इस वर्ष 1110 चुने गए हैं लाभार्थी, अभी तक महज 444 को मिला लाभ

- 666 लाभार्थी अभी विभाग के काट रहे हैं चक्कर, नहीं सुन रहे अधिकारी

राष्ट्रीय पारिवारिक योजना के 1110 आवेदकों में से 444 लाभांवित हो चुके हैं। 283 को भी जल्द लाभ मिल जाएगा। शेष के लिए कार्रवाई चल रही है।

अशोक दीक्षित, समाज कल्याण अधिकारी

इसी वर्ष अप्रैल में पिता का निधन हुआ था। पात्रता सूची में चयन हुआ जांच भी पूरी हो गई है लेकिन अधिकारी लाभ मिलने के बारे में कुछ बता ही नहीं रहे।

नीरज दुबे, आवेदक