आगरा: गुरुवार को पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश यादव को अगले पांच वर्ष के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। इसके साथ ही अब तक पार्टी के मुखिया कहे जाने वाले मुलायम सिंह यादव के युग का अनौपचारिक रूप से अंत माना जा रहा है। हालांकि अखिलेश यादव ने कहा कि उन्हें पिता का आशीर्वाद हासिल है।

 

पहले नेताजी का आदेश ही होता था अंतिम

वर्ष 1992, नवम्बर में सपा की स्थापना हुई थी। पार्टी के स्थापना काल से लेकर वर्ष 2016 तक मुलायम सिंह यादव का आदेश ही अंतिम होता था। उनके पीछे ही सभी नेता खडे़ दिखाई देते थे। पार्टी में उन्हीं का आदेश अंतिम होता था। लेकिन अब परिस्थितियां बदल चुकी हैं। वर्ष 2017 के पहले ही दिन उन्हें हटा दिया गया था। तभी से तमाम उतार चढ़ाव आए। अध्यक्ष पद को लेकर चुनाव आयोग तक बाप-बेटे की लड़ाई लड़ी गई। अंत में अखिलेश यादव को ही पार्टी का अध्यक्ष माना गया। गुरुवार को आगरा में हुए राष्ट्रीय अधिवेशन में मुलायम सिंह यादव की गैर मौजूदगी में अखिलेश को दोबारा अध्यक्ष चुन लिया गया। अब मुलायम युग का सपा में अंत और अखिलेश युग की शुरुआत तय मानी जा रही है।

 

नेताजी ने दिया आशीर्वाद

आगरा के सम्मेलन में मुलायम सिंह यादव के आने संभावना थी। बताया जा रहा है कि अंतिम समय में उनका कार्यक्रम निरस्त हो गया। पार्टी के नवनिर्वाचित अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि नेताजी से उनकी सुबह भी बात हुई थी। उन्होंने उनसे कहा था कि सम्मेलन बड़ा है। आपका आशीर्वाद नहीं होगा, तो पार्टी आगे नहीं बढ़ेगी। उनका दावा था कि नेताजी ने हम सभी को फोन पर आशीर्वाद दिया है।

 

 

अंतिम समय में बदला कार्यक्रम

मुलायम सिंह यादव आगरा के लिए निकलते उसके पहले ही अखिलेश यादव को अध्यक्ष चुन लिया गया था। राजनीतिक लोग मुलायम सिंह यादव के कार्यक्रम में न आने के पीछे इसे एक बड़ा कारण मान रहे हैं। पार्टी सूत्रों ने बताया कि मुलायम ने सुबह शिवापाल सिंह यादव से लंबी बातचीत भी की थी। उनके आगरा आने के मद्देनजर हवाई जहाज भी लखनऊ भेज दिया गया था।

 

पुराने नेता दिखे मायूस

मुलायम सिंह यादव के न आने से पार्टी के वरिष्ठ लोगों में मायूसी दिखी। लेकिन नौजवान उत्साहित थे। नौजवानों और पार्टी के अन्य लोगों के उत्साह को बढ़ाते हुए अखिलेश यादव ने सपा को राष्ट्रीय पार्टी बनाने का संकल्प लिया। सम्मेलन के दौरान जिन नेताओं ने मुलायम सिंह यादव के साथ राजनीति की वे सभी नेता अखिलेश यादव की जय जय करते नजर आए। इससे जाहिर है कि पार्टी के कितने भी सीनियर नेता क्यों न हों, वे सभी अखिलेश यादव के पीछे खडे़ नजर आए।

 

शिवपाल रहे अधिवेशन से गायब

शिवपाल सिंह यादव का न तो सम्मेलन में किसी ने नाम लिया और न ही जयकारे। न ही बैनर पोस्टरों में उनका फोटो दिखाई दिया। सम्मेलन से शिवपाल सिंह यादव पूरी तरह गायब रहे।

 

पांच साल का होगा कार्यकाल

पार्टी के एक दिवसीय राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन में अखिलेश यादव को गुरुवार सुबह अध्यक्ष चुना गया। उनका कार्यकाल पांच वर्ष होगा। इससे पहले गत एक जनवरी को सपा के आपात सम्मेलन में मुलायम सिंह यादव को हटाकर अखिलेश को अध्यक्ष चुन लिया गया था।