सिर्फ 5 सीटें आईं थी हिस्से में
आपको बताते चलें कि बिहार विधानसभा के लिए महागठबंधन में 243 सीटों का बंटवारा हुआ था। जिसमें सपा के हिस्से में पांच सीट आने से सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह इस कदर नाराज हो गए कि उन्होंने गठबंधन छोड़ने का फैसला कर दिया। इस हिस्सा-बांट में जेडीयू और आरजेडी ने 100-100 सीटें और कांग्रेस ने 40 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया था। इसके बाद बाकी बची 3 सीटों के लिए जनता परिवार ने एनसीपी को चुनाव लड़ने के लिए आमंत्रित कर दिया। हालांकि एनसीपी के मना करने के बाद इन 3 सीटों और लालू के हिस्से की 2 सीटों को मिलाकर कुल 5 सीटें सपा को दी गईं।

अब 243 प्रत्याशी उतरेंगे मैदान में

उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी बिहार विधानसभा का चुनाव अपने बलबूते लड़ेगी। पार्टी वहां पर सभी 243 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़ा करेगी। जिनके नामों की घोषणा जल्दी ही की जाएगी। पार्टी को भरोसा है कि बिहार में लोगों की उम्मीद से अधिक सीट मिलेंगी। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर राम गोपाल यादव ने लखनऊ में पार्टी की संसदीय दल की बैठक के बाद आज बिहार में होने वाले विधानसभा पर पार्टी की रणनीति का ऐलान किया। राम गोपाल यादव ने बिहार में चुनाव के मद्देनजर बने महा गठबंधन से नाता तोडऩे का ऐलान करते हुए कहा है कि हमें जितनी सीटें मिल रही थी उससे ज्यादा जीतेंगे। हम बिहार में अपनी क्षमता के मुताबिक सीट की मांग कर रहे थे।

माहौल था काफी गरम
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर राम गोपाल यादव ने कहा कि बिहार में पार्टी में गठबंधन से बाहर निकलने को लेकर काफी जोरदार आवाज भी उठ रही थी। इसके अलावा टिकट बंटवारे पर पार्टी के बिहार के पदाधिकारी काफी नाराज थे। आज की बैठक के बाद तय हो गया था कि सपा आज आर या पार का निर्णय लेने वाली है। प्रोफेसर राम गोपाल ने कहा कि सपा ने बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर कोई आकलन भी नहीं किया था। सीटों के बंटवारे के बारे में भी किसी की राय नहीं ली गई थी। इसी कारण से सपा का महागठबंधन में विलय नहीं किया गया।

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