-चयन आईएएस ने आयोजित किया प्रतिभा सम्मान समारोह

-विज्ञान परिषद के सभागार में परीक्षा के संबंध में चला डिस्कशन का दौर

ALLAHABAD: यूं तो हर प्रतियोगी चाहता है कि उसे एक अदद नौकरी मिल जाए। लेकिन इससे पहले प्रतियोगी परीक्षाओं की बाधा पार करना हर प्रतियोगी के लिए बड़ा चैलेंज होता है। यह बाधा पार कैसे की जाए, इस इश्यू पर विज्ञान परिषद के सभागार में डिस्कशन का दौर चला तो प्रतियोगियों और सेलेक्टेड ऑफिसर्स के बीच जमकर संवाद हुआ। इस दौरान कुछ तनाव के क्षण उभरे तो हंसी ठहाकों का दौर भी चला।

चला सवाल-जवाब का दौर

विज्ञान परिषद सभागार में चयन आईएएस की ओर से प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम के बीच में प्रतियोगियों और ऑफिसर्स के बीच इंटरैक्शन सेशन का भी आयोजन किया गया। सवाल-जवाब का सिलसिला शुरू हुआ तो यूपीपीसीएस की परीक्षा में सेलेक्ट हो चुके प्रतियोगियों ने जवाब देते हुए कहा कि प्रत्येक प्रतियोगी को एक मार्गदर्शक अध्यापक की जरूरत होती है। कहा कि अच्छी तैयारी करने वालों का प्री में सफलता पाना कभी रुकता नहीं। असली लड़ाई मेंस से शुरू होती है।

आईएएस-पीसीएस एक साथ टफ टास्क

कार्यक्रम में मौजूद पीसीएस अफसरों ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि दो-चार बार की असफलता से कोई फर्क नहीं पड़ता, अलबत्ता लक्ष्य पर ध्यान केन्द्रित करके रखना जरूरी है। मेंस की परीक्षा में लेखन शैली की इम्पार्टेस होती है। प्रतिदिन डेढ़ से दो घंटे सेलेक्टेड स्टडी से सफलता मिलना सुनिश्चित है। एक सवाल के जवाब में कहा गया कि पीसीएस और आईएएस की एक साथ तैयारी करना टफ टास्क है। क्योंकि दोनों का पैटर्न और सिलेबस अलग-अलग होता है।

निचोड़ तो आपको ही निकालना है

सेलेक्टेड ऑफिसर्स ने युवा प्रतियोगियों को नोट्स बनाने और लिखकर प्रैक्टिस करने पर जोर दिया। इस सवाल पर कि क्या आप कुछ ऐसा बता सकते हैं जहां से पढ़ने पर पूरा निचोड़ मिल जाए, इसपर जवाब मिला कि निचोढ़ तो आपको ही निकालना होगा। सवाल हुआ कि परीक्षा की तैयारी की शुरुआत कहां से की जाए तो आंसर दिया गया कि जहां से सरल शुरुआत हो सके, वहीं से तैयारी का आगाज करना चाहिए। बताया कि प्रशासनिक सेवाओं की परीक्षा का पैटर्न ग्रेजुएशन लेवल की ट्रेडिशन पढ़ाई से अलग नहीं है। कार्यक्रम में पीसीएस परीक्षा में चयनित हिमांशु गुप्ता, विवेक शुक्ला, धर्मेश चन्द्र पांडेय, विरेन्द्र बहादुर, आनंद सरोज आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन चयन आईएएस के निदेशक नीरज कुमार ने किया।

डिस्कशन की खास बातें

-अच्छी तैयारी करने वालों का प्री में सफलता पाना कभी रुकता नहीं, असली लड़ाई मेंस से शुरू होती है।

-दो-चार बार की असफलता से कोई फर्क नहीं पड़ता,लक्ष्य पर ध्यान केन्द्रित करके रखना जरूरी

-मेंस की परीक्षा में लेखन शैली की इम्पार्टेस होती है।

-नोट्स बनाने और लिखकर प्रैक्टिस करना सफलता के लिए जरूरी

- परीक्षा की तैयारी की शुरुआत जहां से सरल शुरुआत हो सके, वहीं से करना चाहिए।