दून के कन्या गुरुकुल परिसर से रात में चंदन के 6 पेड़ उड़ा ले गए तस्कर

आई शॉकिंग

-ताला बंद गेटों से घुसे तस्करों ने कई घंटे की पेड़ों की छंटाई

-दोनों गेटों पर रात में तैनात थे चौकीदार, एक हिरासत में

-पुलिस और वन विभाग के हाथ खाली

देहरादून

खबर बेहद चौंकाने वाली है। देहरादून के एसएसपी ऑफिस और वन मुख्यालय से महज सौ मीटर की दूरी पर रात में तस्कर धमकते हैं और एक नहीं बल्कि चंदन के 6 पेड़ काटकर गायब हो जाते हैं। ये पेड़ भी किसी सुनसान जंगल से नहीं काटे गए बल्कि शहर के बेहद सुरक्षित और ऐतिहासिक गुरुकुल कन्या महाविद्यालय परिसर से काटे गए। हैरत की बात ये है कि यहां चौबीसों घंटे गेट बंद रहता है और गेट पर चौकीदार तैनात रहता है। घटना कई सवाल खड़े करती है। लेकिन इतना भी साफ करती है कि ये सब बिना मिलीभगत के संभव नहीं था। सुबह सूचना मिलने पर पुलिस और वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे, लेकिन काफी छानबीन के बाद भी पेड़ों की टहनियां और ठूंठ ही हाथ लगे, तस्करों की कोई जानकारी नहीं लग पाई। फिलहाल पुलिस महाविद्यालय के गेट पर रात को ड्यूटी करने वाले चौकीदार से पूछताछ कर रही है।

चंदन की कीमत लाखों में

अत्यधिक सुरक्षा वाले गुरुकुल के दोनों गेट शनिवार और रविवार की दरमियानी रात भी हमेशा की तरह बंद थे। डीएल रोड की तरफ वाले गेट पर दो चौकीदार थे, जबकि राजपुर रोड वाले मुख्य गेट पर एक। दोनों गेट्स पर अंदर से ताले लगे हुए थे। इसके बावजूद तस्कर न सिर्फ अन्दर दाखिल हुए, बल्कि उन्होंने एक के बाद एक चंदन के छह पेड़ों को काट डाला और उन्हें लेकर चंपत भी हो गए।

सुबह दोनों गेट बंद मिले

सुबह जब गुरुकुल के लोग उठे तो दोनों गेट उसी तरह से बंद मिले, जैसे रात को बंद कर दिये गये थे। सुबह 9 बजे के करीब किसी ने चंदन के पेड़ काटे जाने की शिकायत वन विभाग को दे दी। रेंजर एनएस रावत वन विभाग की टीम के साथ मौके पर पहु़ंचे तो पुलिस टीम भी जांच में जुट गई। पहले अनुमान लगाया गया कि पेड़ों को छोटे टुकड़ों में काटकर आसपास छिपाया गया होगा, लेकिन कुछ नहीं मिला।

प्रिंसिपल के पास कोई जवाब नहीं

सुबह से ही वन विभाग और पुलिस अधिकारियों के अलावा दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने भी प्रचार्या कुमारी संतोष से जानकारी लेने की कोशिश की लेकिन उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। दोपहर में हरिद्वार से गुरुकुल के अधिष्ठाता डॉ। रीनानाथ वर्मा दून पहुंचे, तब जाकर मामला दर्ज करवाया गया।

बॉक्स

तस्करी और सुलगते सवाल

सवाल-1 : सारे गेट बंद होने के बावजूद तस्कर परिसर में कैसे दाखिल हुए?

सवाल-2 : रात के सन्नाटे में चौकीदारों को भी पेड़ काटे जाने की भनक क्यों नहीं लगी?

सवाल-3 : कुछ ही दूरी पर प्रिसिंपल और कर्मचारी रहते हैं। उनको भी कुछ पता नहीं चला।

सवाल-4 : गुरुकुल के एक वरिष्ठ कर्मचारी ने सुबह बताया कि उन्हें तो ये भी पता नहीं था कि ये पेड़ चंदन के हैं।

सवाल-5 : चौकीदार धनवीर सिंह कठैत के मुताबिक रात को उसे गहरी नींद आ गई थी। सोने से पहले उसे मच्छर मारने की दवा की सी गंध आई थी, तो क्या उसे बेहोश किया गया था?

सवाल-6 : अगर चौकीदार को बेहोश किया गया तो ताले लगे गेट से तस्कर अंदर कैसे दाखिल हुए? या फिर ये किसी अंदर वाले का ही काम है?

सवाल-7 : क्या तस्कर चुपचाप कंधों में चंदन के विशाल पेड़ उठाकर ले गए?

सवाल-7 : आखिर तस्कर पेड़ लेकर शहर के नाकों से पार कैसे हुए?