- समन्वय बैठक में लोक सभा चुनाव, सरकार के कामकाज पर चर्चा

- कई मंत्रियों और अफसरों की शिकायत हुई, मंत्रिमंडल विस्तार पर भी चर्चा

LUCKNOW: भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में बुधवार को सरकार और आरएसएस के बीच हुई समन्वय बैठक में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा उठा। संघ ने भाजपा संगठन को याद दिलाया कि बिना राम मंदिर निर्माण का रास्ता प्रशस्त किए लोकसभा चुनाव में जीत आसान नहीं होगी। बैठक का निष्कर्ष निकला कि हिंदुत्व के लिए 2019 में मोदी की वापसी जरूरी है। करीब छह घंटे की इस मैराथन बैठक में क्षोभ और असंतोष के गुबार भी फूटे लेकिन, तय यही हुआ कि आने वाले लोकसभा चुनाव में राष्ट्र चिंतन की सरकार बने और मतदान राष्ट्रीय मुद्दों पर हो।

यूपीए ने हिंदू समाज को दबाया

फैजाबाद रोड स्थित आनंदी वाटर पार्क में आयोजित समन्वय बैठक के तीसरे सत्र में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आपातकाल की याद दिलाते हुए 2004 से 2014 तक यूपीए सरकार का जिक्र किया। कहा कि यूपीए सरकार ने हिंदू समाज को दबाया। उन्होंने 2014 के बाद भाजपा को मिले जनता के बेपनाह प्यार और मणिपुर व त्रिपुरा तक 19 राज्यों में अपनी सरकार बनाने का जिक्र किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा, आप खुद सोचें कि यह देश किधर जा रहा था और मोदी इसे किस ओर ले जा रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा और बसपा के 15 वर्षो के शासन की याद दिलाते हुए कहा कि उप्र अराजकता की भेंट चढ़ गया था। जबसे हमारी सरकार आयी गुंडे या तो जेल में हैं, या पुलिस मुठभेड़ में मारे गये या फिर उप्र छोड़ गए हैं। उन्होंने किसानों की कर्जमाफी से लेकर धर्मस्थलों के विकास और प्रदेश में अमन-चैन का जिक्र किया। योगी ने संभावित गठबंधन की भी चुटकी ली।

'कोउ नृप होय हमें का हानी'

संघ के सह सरकार्यवाह डॉ। कृष्णगोपाल ने हिंदुत्व के मुद्दे पर सबको जागृत किया। कहा कि 'कोउ नृप होय हमें का हानी, जैसी बात हम नहीं कह सकते हैं। हिंदू समाज और राष्ट्र के अनुकूल हमारे कदम आगे बढ़ रहे हैं। अब तो देश की हर राजनीतिक पार्टी हिंदुत्व की चर्चा करने लगी है.' वहीं भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री, संगठन रामलाल ने कहा कि दुनिया में भाजपा से बड़ा नेटवर्क किसी दल का नहीं है। हम मिलकर काम करेंगे तो नतीजा पहले से भी बेहतर होगा। आरएसएस के सर सहकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने सारे सुझावों को समेटते हुए निष्कर्ष दिया कि हम सभी जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले राष्ट्र योद्धा हैं। लोकसभा चुनाव की ओर इशारा करते हुए कहा कि सेना तो हर समय तैयार रहती है लेकिन, युद्ध के समय रसद ज्यादा एकत्र करने के साथ ही अपने शस्त्रों को सुसज्जित करना पड़ता है। कहा कि इस समय अतिरिक्त सतर्कता की जरूरत है। राष्ट्रवादी चिंतन की सरकार बने और हमारी सीमाओं की सुरक्षा हो, यही संकल्प होना चाहिए।

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संघ और शाह के सामने खरी-खरी

'उत्तर प्रदेश में नौकरशाही पर लगाम नहीं है। गंगा बड़ा मुद्दा थी लेकिन, वह जैसी दिखनी चाहिए नहीं दिख रही है। थानों पर लोगों को न्याय नहीं मिल रहा है। अफसरों की कार्यशैली ठीक नहीं है। चौराहों पर चेकिंग के नाम पर वसूली हो रही है। कार्यकर्ताओं की बात नहीं सुनी जा रही है.' भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के सामने सरकारी कामकाज की असलियत कुछ यूं उजागर हुई। संघ के अनुषांगिक संगठनों के पदाधिकारियोंऔर अन्य कार्यकर्ताओं ने खरी-खरी सुना दी.ं सरकारी कामकाज की पोल खुली तो सांसदों और विधायकों के प्रति नाराजगी भी दिखी। कई प्रमुख लोगों ने दो टूक कहा कि राम मंदिर का निर्माण जरूरी है। केंद्र सरकार को कानून बनाकर हिन्दू भावनाओं का आदर करना चाहिए। राम मंदिर के लिए भी दबाव बनाते लोग दिखे। कृष्णगोपाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि राम मंदिर सबका संकल्प है।

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मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भी विमर्श

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, आरएसएस के दोनों सर सहकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले और कृष्णगोपाल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व डॉ। दिनेश शर्मा तथा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ। महेंद्र नाथ पांडेय, राष्ट्रीय महामंत्री भूपेंद्र यादव, राष्ट्रीय महामंत्री संगठन रामलाल समेत कई प्रमुख लोगों की खास बैठक हुई। इस बैठक में योगी सरकार के मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा हुई। सूत्रों का कहना है कि समन्वय बैठक में मंत्रिमंडल के फेरबदल पर भी चर्चा हुई। हालांकि यह फेरबदल कब होगा, इस पर कोई बात तय नहीं हुई।