- नोटिस बोर्ड पर चस्पा किया था आदेश

- जानकारी होने पर डीआईओएस ने खुद फाड़ा आदेश

LUCKNOW :

शिक्षा भवन स्थित जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में सहायता प्राप्त विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों का प्रवेश वर्जित कर दिया गया है। जी हां, सोमवार को डीआईओएस कार्यालय के नोटिस बोर्ड के ठीक बगल में इस तरह की नोटिस देख कई शिक्षक दंग रह गए। दावा किया गया कि यह नोटिस जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के प्रशासनिक अधिकारी कृष्ण कुमार तिवारी की ओर से लगवाई गई है। हालांकि इस नोटिस पर कोई हस्ताक्षर नहीं हैं। इस मामले में पहले तो डीआईओएस डॉ। मुकेश कुमार सिंह ने अनज्ञिता जताई। बाद में नोटिस वाला कागज देख उन्होंने फौरन हटाया।

भ्रष्टाचार को लेकर लगातार कर रहे प्रदर्शन

दरअसल, पिछले कुछ समय से माध्यमिक शिक्षक संघ जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन कर रहा है। इसके अलावा अन्य संगठन भी कार्यालय के कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाते रहे हैं। इसी के मद्देनजर डीआईओएस कार्यालय के नोटिस बोर्ड के पास एक शिक्षक को नोटिस चस्पा दिखाई दिया। जिसमें लिखा था 'सहायता प्राप्त विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मियों का कोई भी संघ माध्यमिक शिक्षा विभाग उप्र सरकार से मान्यता प्राप्त नहीं है। अत: कार्यालय में संघ के पदाधिकारियों का प्रवेश वर्जित है। व्यक्तिगत कार्य के लिए निरीक्षक से मिलें, कोई भी शिकायत बिना शपथ पत्र के स्वीकार नहीं की जाएगी'। नोटिस में नीचे की ओर प्रशासनिक अधिकारी कृष्ण कुमार तिवारी का नाम अंकित है। बताया जाता है कि कई दिन पहले इसे चस्पा किया गया है।

संघ ने किया विरोध

डीआईओएस कार्यालय में संघ के पदाधिकारियों का प्रवेश वर्जित किए जाने की नोटिस की जानकारी पर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने कड़ा विरोध जताया है। संघ के प्रदेशीय मंत्री डॉ। आरपी मिश्र ने कहा है कि किसी भी कर्मचारी को पदाधिकारियों के प्रवेश वर्जित का अधिकार नहीं है। जिस कर्मचारी की ओर से नोटिस की बात सामने आई है, उसी के खिलाफ संगठन ने भ्रष्टाचार की शिकायतें की है। रही बात मान्यता प्राप्त होने की तो चार संगठनों को निदेशक ने भी मान्य किया है।