रविवार को डब्ल्यूटीए फैमिली सर्कल कप का टाइटिल जीत कर, वर्ल्ड की नंबर एक डबल्स टेनिस प्लेयर बनने वाली पहली भारतीय महिला बनीं सानिया मिर्जा. अपनी पार्टनर मार्टिना हिंगिस के साथ ये खिताब जीतने के बाद सानिया ने कहा कि ‘हर किसी का बचपन से सपना नंबर एक बनना होता है. यह सफलता मिलने के लिए उनसे बेहतर जोड़ीदार नहीं हो सकता था. जब हम यहां आए थे तब हमारे जेहन में नंबर एक रैंकिंग हासिल करने का लक्ष्य था. उन्होंने मेरी मदद की. वह बेहतरीन इंसान और शानदार खिलाड़ी हैं. हम दुनिया की नंबर एक टीम भी बन गए हैं. उम्मीद है कि हम कई टूर्नामेंट और जीतेंगे.’

सानिया और हिंगिस की शीर्ष वरीय जोड़ी ने फाइनल में केसी डेलाकुआ और दारिजा जुराक की जोड़ी को महज 57 मिनट में 6-0, 6-4 से पराजित किया. सानिया को इस जीत से 470 अंक मिले, जिससे उनके कुल 7965 अंक हो गए. उन्होंने इटली की सारा ईरानी (7640) और राबर्टा विंची (7640) को पछाड़ा. आधिकारिक रैंकिंग आज जारी होगी. सानिया से पहले भारत के सिर्फ लिएंडर पेस और महेश भूपति डबल्स रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंचे हैं. 1999 और 2000 में पेस-भूपति की भारतीय जोड़ी ने पुरुष डबल्स सर्किट में अपना दबदबा बनाया हुआ था.

Sania and Hingis winner team

सानिया ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट जीतने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी भी हैं. हिंगिस के साथ सानिया की यह लगातार तीसरी खिताबी जीत है. दोनों ने मार्च में जोड़ी बनाने के बाद से एक भी मैच नहीं गंवाया है. उन्होंने इंडियन वेल्स में पहला खिताब जीता और फिर मियामी में भी खिताबी जीत दर्ज की. दोनों अब तक खेले 14 मैचों में सिर्फ तीन सेट हारी हैं. सत्र के आखिरी टूर्नामेंट ‘रेस टू सिंगापुर’ में वे पहले ही दुनिया की नंबर एक टीम बन चुकी हैं. इसमें आठ शीर्ष टीमें भाग लेंगी.

सानिया और हिंगिस ने पहला सेट सिर्फ 22 मिनट में जीता. दूसरे सेट के पहले गेम में उनकी सर्विस टूटी, लेकिन उन्होंने तुरंत वापसी की. दूसरे सेट के पांचवें गेम में उनकी प्रतिद्वंद्वियों ने वापसी का मौका गंवाया. उन्होंने हालांकि अंतर कम किया, लेकिन सानिया और हिंगिस ने 10वें गेम में उनकी सर्विस तोडक़र मैच जीत लिया.

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