agra@inext.co.in

AGRA : एकतरफा प्यार में झुलस रहे योगेश ने संजलि को ठिकाने लगाने के लिए क्राइम शो को सहारा लिया। घटना से जुड़े किरदार और संसाधन इस तरह जुटाए गए कि कोई सबूत न छूट जाए। पेशेवर अपराधियों की तरह कई बार घटनास्थल की रेकी की।

साथियों के साथ की रेकी

योगेश मॉटीवेशनल वीडियो देखने में रुचि रखता था। पुलिस ने बताया कि उसने अपना एक यूट्यूब चैनल भी बनाया था। इसके साथ ही क्राइम सीरियल भी देखता था। क्राइम शो देखकर ही उसने घटना को अंजाम देने की योजना बनाई। पुलिस से किस तरह बचा जाए, इस पर काम किया। योगेश ने तीन बार साथियों के साथ मिलकर रेकी की।

ऐसे दिया वारदात को अंजाम

योगेश ने अपने रिश्तेदार आकाश को 18 अक्टूबर को सुबह नौ बजे फोन कर कहा कि आ जाओ। आकाश अपने साथ विजय को लेकर 10.30 बजे मलपुरा नहर पर पहुंच गया। पूर्व में वे 26 नवंबर, 29 नवंबर और 11 दिसंबर को पूरे रूट की रेकी कर चुके थे। मंगलवार को वे मलपुरा नहर पर ही खड़े हो गए। योगेश को फोन किया तो उसने कहा कि वह बाइक लेने दोस्त के घर आया है, थोड़ी देर में ही आ रहा है। वे तब तक मलपुरा नहर पर ही खड़े रहे। इसके बाद 11.30 बजे शहीद पेट्रोल पंप पर दोनों बाइक में पेट्रोल डलवाने पहुंचे।

बाइक से निकाला पेट्रोल

योगेश ने अपाचे बाइक में 350 रुपये की पेट्रोल डलवाई और पैशन प्रो में 150 रुपये की डलवा दी। पेट्रोल पंप से रोड पर पहुंचते ही योगेश ने आकाश को बैग में रखी चौड़ी बोतल निकालकर दी और पेट्रोल पंप से पेट्रोल लाने को कहा। आकाश और विजय ने मना कर दिया तो उसने 60 रुपये देकर बाइक में ही पेट्रोल भरवाने भेज दिया। यहां से निकलकर वे पेट्रोल पंप से थोड़ा आगे चले और सड़क किनारे कच्चे रास्ते में खड़े हो गए। यहां कपड़े जूते बदले, बाइक से पेट्रोल निकालकर बोतल में भरा। अपाचे बाइक पर बंधा कार्टून भी पैशन प्रो बाइक पर बांध दिया। स्कूल की छुट्टी होने में अभी डेढ़ घंटा था। इसलिए वे मलपुरा ड्रापिंग जोन में खड़े रहे। यहां से वे नौमील पहुंचकर मनकेड़ा की ओर चले गए। थोड़ी देर बाद विजय को दूसरी बाइक से स्कूल भेज दिया। संजली के स्कूल से निकलते ही विजय ने योगेश को फोन कर बता दिया। इसके बाद वे नौमील पहुंच गए। यहां सीसीटीवी फुटेज में 1.41 बजे संजली घर जाती हुई दिख रही है।

इसके एक मिनट बाद ही हत्यारे निकले और वारदात कर भाग गए।

गैस लाइटर बना पुलिस का मददगार

संजलि के हत्यारोपियों तक पहुंचने में मौके पर पड़ा मिला लाइटर पुलिस के लिए सबसे बड़ा मददगार साबित हुआ। जिस लाइटर से संजलि को जलाया गया, वह नया था। आमतौर पर ऐसे लाइटर का घरों में यूज नहीं होता। पुलिस ने इस लाइटर की जांच पड़ताल शुरू की। इस दौरान योगेश के घर से नया गैस चूल्हा बरामद किया। इससे पुलिस का शक गहरा गया।

साथियों को दिया था 15-15 हजार रुपये लालच

योगेश अपना काम निकालने को दोस्तों से भी झूठ बोलता रहा। उसने भिलावली निवासी अपने दोस्त को भी नौकरी का झांसा दिया था। उससे कहा था कि दस हजार रुपये तक की नौकरी लगवा देगा। इसी झांसे में वह उसकी बाइक ले जाता था। घटना में शामिल रिश्तेदारों से कहा था कि वह अपने दोस्त से उन्हें 15-15 हजार रुपये दिलवा देगा। उधर, दोस्त से कहा था कि मेरे साथ बिजली का काम करने वाले दो लड़के आएंगे। पैसे देने को कहने पर बहाना बना देना। यही हुआ। घटना के बाद जब आकाश और विजय वहां पहुंचे तो योगेश का दोस्त घर नहीं मिला। काफी देर बाद आया तो कह दिया कि उसकी पत्नी एटीएम ले गई है। इसके बाद घर से एटीएम लाने का बहाना बनाकर योगेश ने दोनों को चलता कर दिया।

हर कदम पर पुलिस को चकमा देता रहा योगेश

संजलि की हत्या को अंजाम देने वाले योगेश ने हर कदम पर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। लेकिन, उसकी ये होशियारी ही पुलिस के लिए मददगार बनी। एक के बाद एक मिली कड़ी को जोड़ते हुए पुलिस ने घटना का खुलासा कर दिया।

एक दिन में तीन बार बदले कपड़े

योगेश ने संजलि की हत्या को अंजाम देने से पहले अपने रिश्तेदारों को विश्वास में लिया। इसके साथ ही घटना के समय उसने लाल रंग की टीशर्ट पहन रखी थी। घटना के बाद हल्के भूरे रंग, जबकि हॉस्पिटल में शर्ट पहन रखी थी, जिससे पुलिस को शक ना हो। यह जानकारी प्रत्यक्षदर्शियों ने पुलिस को दी। इससे पुलिस का शक योगेश के प्रति बढ़ गया।

मोबाइल फोन किया बंद

घटना को अंजाम देने से पूर्व योगेश ने अपना मोबाइल फोन बंदकर लिया। जिससे उसकी लोकेशन ट्रेस ना हो सके। साथ ही अपने रिश्ते के भाई विजय और आकाश को भी कॉल करने से मना कर दिया। हत्या के बाद जांच के समय उसने हरेन्द्र के मोबाइल पर संजलि से की चैट को भी डिलीट कर दिया। घटना से जुड़े साक्ष्यों को भी नष्ट कर दिया।

दोस्त को दिए अपने जूत

योगेश केहत्यारोपी साथी विजय ने बताया कि वारदात से पहले उसने अपने जूते उतारकर रख दिए थे। योगेश का कहना था कि यह जूते महंगे हैं, जो वारदात के बाद फेंकने पड़ेंगे। इसलिए उसने दोस्त के सस्ते जूते पहन लिए। वहीं, सीसीटीवी फुटेज में उसने अपनी बाइक पर एक बड़ा गत्ता रख लिया, जिसे पुलिस ने देखने के बाद यह कहकर नजर अंदाज कर दिया कि कोई कामकाजू व्यक्ति है। जब वही गत्ता संजलि की हत्या के दौरान देखा गया तो पुलिस का शक पुख्ता हो गया।

साक्ष्यों से हत्यारोपियों को सजा दिलवाएगी पुलिस

संजलि हत्याकांड को आगरा पुलिस ने चुनौती के रूप में लिया था। काम भी वैसे ही किया। एक सुराग मिलने पर उसकी कडिय़ां जुड़ीं। साक्ष्य जुटाने में पुलिस ने सावधानी बरती। अब यही साक्ष्य आरोपितों को सजा दिलाने में कारगर हो सकते हैं। हत्याकांड के पहले दिन ही पुलिस के शक के दायरे में छात्रा का भाई योगेश आ गया था। एसएसपी की डायरी के पहले पन्ने पर उसका नाम था। मगर, पुलिस कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहती थी। उसकी गतिविधियों की निगरानी की। पूछताछ को बुलाया और मोबाइल कŽजे में ले लिया।

सैंया में जलाए थे आरोपितों ने कपड़े

संजलि को पेट्रोल डालकर जलाने के बाद आरोपितों ने कागारौल की ओर भागने की कोशिश की। मगर, वहां जाम होने के कारण वे दक्षिणी बाइपास की ओर बाइक से भाग निकले। सैंया क्षेत्र में जाकर उन्होंने कपड़े जला दिए। यहां उन्होंने सर्जिकल ग्लŽज, बाइक पर बंधा कार्टून समेत अन्य सामान भी जला दिया। मंगलवार को फोरेंसिक टीम ने मौके से जले हुए कपड़ों के कुछ अंश बरामद किए।

नहीं मिली आरोपितों की कहानी

छात्रा ने मृत्युपूर्व दिए बयान में कहा था कि आरोपित लाल बाइक से आए थे। दोनों हेलमेट लगाए थे। उनमें से एक काली जैकेट पहने था। मगर, आरोपितों द्वारा बताई गई कहानी में बाइक सफेद रंग की, जैकेट लाल और सफेद रंग की निकली। वहीं बाइक चला रहा युवक बिना हेलमेट के बताया। उसके सिर पर स्वेट शर्ट का हुड था।

संजलि को जिंदा जलाकर दी थी योगेश ने जान

Crime News inextlive from Crime News Desk