जिला महिला अस्पताल में आने वाले सैकड़ों बच्चों को मिलेगा तोहफा
प्री मैच्योर बच्चों के लिए संजीवनी की तरह काम करेगी कंगारू केयर यूनिट
Meerut। प्रीमैच्योर व क्रिटिकल डिलीवरी की वजह से कम वजन व गंभीर बीमारियों से ग्रस्त नवजातों को अब जिला महिला अस्पताल में निशुल्क कंगारू मदर केयर यूनिट की सौगात मिलने जा रही है। जिंदगी और मौत से लड़ रहे नवजातों के लिए केएमसी संजीवनी का काम करेगी।
यह है स्थिति
जिला महिला अस्पताल में सिक न्यू बार्न केयर यूनिट में साल भर में 18 सौ ग्राम से कम वजन के करीब 12 सौ से अधिक न्यू बार्न बच्चे पहुंच रहे हैं। जबकि वेंटिलेटर न होने की वजह से सैकड़ों बच्चों को हायर सेंटर में रेफर भी किया जा रहा है। फिलहाल बच्चों को 10 बेड के रेडियेंट वार्मर में रखा जाता है।
यह है एसएनसीयू की स्थिति
1 अप्रैल 2016 से 31मार्च 2017 तक
कुल एडमिशन-508
इनबोर्न बेबी- 216
मेल - 216
फीमेल- 165
आउट बोनर् बेबी- 127
मेल - 73
फीमेल- 54
रेफर - 104
डेथ- 35
1 अप्रैल 2017 से 31माचर् 2018 तक
कुल एडमिशन- 1227
इनबोर्न बेबी- 896
मेल - 528
फीमेल- 368
आउट बोर्न बेबी- 331
मेल - 193
फीमेल- 138
डेथ- 41
ऐसे काम करती है यूनिट
केएमसी में नई मां को एक चेयर पर बैठाया जाता है।
साथ ही विशेष प्रकार का गाउन पहनाया जाता है।
प्रीमैच्योर डिलीवरी के कारण बच्चों में हाइपोथर्मिया व रेस्पॉयरेट्री डिस्ट्रेस के शिकार हो जाते हैं।
इससे बच्चों का वजन बहुत कम व बच्चे के शरीर की गर्माहट बेहद कम हो जाती है।
केएमसी थेरेपी में मां अपने बच्चे को कंगारू की तरह 18 से 20 घंटे तक अपनी स्किन से लगाकर रखती है।
इससे बच्चे के लिए जरूरी शरीर का तापमान लगातार बना रहता है।
करीब एक महीने तक बच्चे को इस तरह से रखा जाता है।
कम हो जाता है वजन
नवजातों में संक्रमण, पीलिया, लर्निंग डिसऑर्डर, सेरिब्रल पॉल्सी, जैसी बीमारियों के चलते प्री मैच्योर व क्र्रिटिकल डिलीवरी की वजह से वजन कम हो जाता है।
यह होता है फायदा
ब्रेस्ट फीडिंग होती है।
तापमान नियंत्रित होता है।
कंगारू मदर केयर यूनिट के लिए बजट आ गया है। चेयर व अन्य उपकरण खरीदने की प्रक्रिया चल रही है। हमारी कोशिश है कि आने वाले दो महीने में इसे शुरु कर दिया जाए।
डॉ। रामवीर सिंह, इंचार्ज, एसएनसीयू
कंगारू केयर यूनिट के लिए निर्देश आ गए हैं। आशाओं व स्टाफ को ट्रेनिंग दी जानी है। इसे जल्द से जल्द से शुरु किया जाएगा।
डॉ। मनीषा, एक्टिंग एसआईसी, जिला महिला अस्पताल