एक्सक्लुसिव न्यूज

- संकल्प 33 हजार के दौरान लगे आरोपों से नाराज हैं प्रधान

- संकल्प 50 हजार में सहयोग से प्रधानों का इनकार, कहा हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं

BAREILLY:

स्वच्छ भारत मिशन का लक्ष्य पूरा करने में प्रधान रोड़ा बन रहे हैं। पहले संकल्प 33 हजार को पूरा करने में गलत तरीके से शौचालय निर्माण को लेकर आरोपों में घिरे प्रधानों ने संकल्प 50 हजार को पूरा करने से साफ इनकार कर दिया है। मामले पर सीडीओ सत्येंद्र कुमार ने एडीओ, बीडीओ समेत पंचायत सचिवों को अपने संबंधित इलाकों के प्रधानों को मनाने में जुटे हैं। लेकिन प्रधानों ने स्वच्छता की मुहिम के तहत बनाए जाने वाले शौचालयों में सहयोग नहीं करना चाह रहे। क्या है पूरा मामला पढि़ए

बजट नहीं मिलने से हैं नाराज

संकल्प 50 हजार को लेकर आयोजित बैठक में प्रधानों ने सहयोग से इनकार कर दिया। जिसकी वजह है कि केंद्र सरकार से जारी शौचालय निर्माण का बजट सीधे लाभार्थियों के खातों में पहुंचना। प्रधानों का कहना है कि जब सीधे रकम लाभार्थी को मिल रही है तो हमारी जरुरत ही क्या? लाभार्थी खाता से रुपए निकालें और पंचायत विभाग के रूलिंग के मुताबिक निर्माण करवाएं। उसमें हमारे सहयोग की जरुरत ही क्या है। कहा कि जब तक ग्राम पंचायत के खाते में रकम आती रही सहयोग देते रहे लेकिन जब लाभार्थी के खाते में रकम भेजी जा रही तो दायित्व लाभार्थी और अधिकारियों का है।

आरोपों में घिरे तो कदम खींचे

सनद रहे कि संकल्प 33 हजार पूरा करने में प्रधानों ने सहयोग किया। जिस पर लाभार्थियों ने प्रधानों पर जबरन नियमों को दरकिनार कर शौचालय निर्माण करवाने की शिकायत सीडीओ से की। मामले पर सीडीओ ने संबंधित नोडल अधिकारी को जांच के आदेश सौंपे हैं। भदपुरा, आलमपुर जाफराबाद, नवाबगंज समेत अन्य ब्लॉकों के ग्राम पंचायतों से प्रतिदिन शिकायत विकास भवन पहुंच रही थी। ऐसे में प्रधानों ने अबकी बार हस्तक्षेप करने से साफ इनकार कर दिया है। कहा है कि तेज धूप में संकल्प पूरा कराने के बाद भी अगर अधिकारियों को संदेह है तो वह खुद ही निर्माण कराएं, हमारे सहयोग की जरुरत ही क्या?

कैसे पूरा होगा संकल्प 50 हजार

संकल्प 33 हजार का टारगेट पूरा करने में सीडीओ असफल रहे। जिसकी बड़ी वजह थी पूर्व में प्रधानों से कोई संपर्क न करना। साथ ही, मौसम के मिजाज को ध्यान रखे बगैर शौचालय निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार करना। वहीं, अबकी बार प्रशासन शौचालय निर्माण में कोई हीलाहवाली नहीं करना चाहता। 15 दिन में 50 हजार शौचालय निर्माण का लक्ष्य भेदने की तैयारी शुरू हो चुकी है। लेकिन प्रधानों ने इनकार कर दिया है। दूसरा, पात्रों का टोटा। क्योंकि वर्ष 2011 की जनगणना में बीपीएल श्रेणी के पात्रों को योजना में शामिल करना था। जो पूर्व में लाभान्वित हो चुके हैं, वहीं नए महज 15 हजार आवेदन ही हुए हैं।

प्रधानों ने फिलहाल सहयोग से इनकार किया है फिर भी उनसे सहयोग लेने का प्रयास हो रहा है। पंचायत राज अधिकारी को जिम्मा सौंपा गया है। संकल्प 50 हजार तय समय में पूरा करने का प्रयास है।

सत्येंद्र कुमार, सीडीओ