- मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दस जिलों में पायलट प्रोजेक्ट किया लांच

- टाटा ट्रस्ट की मदद से डबल फोर्टिफाइड साल्ट का वितरण

LUCKNOW: पांच साल से कम उम्र के बच्चों, किशोरियों और गर्भवती महिलाओं को एनीमिया की बीमारी से बचाने के लिए राज्य सरकार डबल फोर्टिफाइड सॉल्ट 'समाजवादी नमक' बांटेगी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास में लाभार्थियों को नमक के पैकेट बांटकर इस योजना की औपचारिक शुरूआत की। टाटा ट्रस्ट की मदद से योजना के तहत दस जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में नमक का वितरण किया जाएगा। सफल होने पर योजना पूरे प्रदेश में लागू होगी।

खराब आंकड़े वाले दस जिले शामिल

जिन दस जिलों में सबसे पहले पायलट प्रोजेक्ट के तहत वितरित किया जाना है, वहां एनीमिया की स्थिति सबसे बदतर है। इसी वजह से इन जिलों को चुना गया है। मेरठ, मुरादाबाद, फर्रुखाबाद, इटावा, औरैया, हमीरपुर, फैजाबाद, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर और मऊ में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से इसका वितरण होगा। टाटा ट्रस्ट योजना के लागू होने के साथ गुणवत्ता, उत्पादन, नतीजों को बटोर कर राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट देगा। मालूम हो कि डबल फोर्टिफाइड नमक में आयोडीन के साथ आयरन भी शामिल होता है। इसके सेवन से शरीर में आयोडीन और आयरन की कमी दूर होने लगती है। यह नमक एपीएल कार्डधारकों को छह रुपये प्रति किलो, बीपीएल एवं अंत्योदय कार्ड धारकों को तीन रुपये प्रति किलो की दर से मिलेगा। तीन यूनिट वाले परिवार में एक किलो तथा इससे ज्यादा यूनिट पर दो किलो नमक दिया जाएगा। इस पर करीब 48.52 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

नोट बंदी से 90 फीसद परेशान : अखिलेश

योजना के शुभारंभ के दौरान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि नोट बंदी से 90 फीसद लोग परेशान हैं। जिन लोगों के पास काला धन होने होने की बात कही जा रही है वे कागजों में अपना हिसाब दुरुस्त कर चुके हैं। उनके पास बुद्धिजीवियों, जानकारों की कमी नहीं है। जिन लोगों ने नोट बंदी से गरीब जनता को परेशान किया, आने वाले समय में जनता भी उन्हें उतनी ही तकलीफ देगी। आज के हालात में पांच सौ रुपये कितने जरूरी हो गये है। हम भी समाजवादी पेंशन योजना में पांच सौ रुपये देते हैं। अब पता करना पड़ेगा कि पांच सौ रुपये उनके खातों में जा रहे हैं कि नहीं। मुख्यमंत्री आवास में मौजूद लाभार्थी महिलाओं की इशारा कर बोले कि इन्हें तो पता भी नहीं कि ये कहां आ गये है। एक सरकार ने इनके लिए मुख्यमंत्री आवास के दरवाजे बंद कर दिए थे तो दूसरी सरकार उन्हें नोट बंदी से परेशान कर रही है। केवल समाजवादियों ने गरीबों के लिए मुख्यमंत्री आवास के दरवाजखोले।

- 2 करोड़ 31 लाख पायलट प्रोजेक्ट में होंगे लाभांवित

- 32 लाख 64 हजार 159 कार्डधारकों को मिलेगा नमक

- 73.9 फीसद पांच साल से कम उम्र के बच्चे एनीमिया का शिकार

- 75.5 फीसद किशोरियों को है एनीमिया की बीमारी

- 52.4 फीसद गर्भवती महिलाओं को भी हो जाता है एनीमिया

- 24 फीसद बीस साल से कम उम्र के पुरुष भी चपेट में