पल्सर नहीं प्लेटिना

सुरेश शर्मा नगर में रहने वाले पंकज कुमार शुक्ला कहते हैं ह िवह पुरानी मैक्स 100 से तंग आ चुके हैं और जॉब लगने के बाद अपनी ड्रीम बाइक पल्सर लेने का प्लान कर रहे थे। पर वेडनसडे को पेट्रोल के दाम बढऩे के बाद तो घरवालों ने भी उन्हें प्लेटिना लेने की ही सलाह दी है। कहते हैं फील्ड जॉब है इसलिए बाइक में पेट्रोल की खपत भी ज्यादा होगी। ऐसे में जरूरी है कि बाइक का माइलेज ठीक हो। पेट्रोल के बढ़े हुए दामों के बाद तो पल्सर 180 वास्तव में मेरी ड्रीम बाइक बनकर ही रह गई है।

कार नहीं बाइक ही ठीक है

मेडिकल स्टोर मालिक ओमशंकर भारद्वाज ने अपनी कार सेल करके बाइक खरीदी है और वह भी ज्यादा माइलेज वाली। उनका कहना है कि उन्हें शॉप से घर तक के ही कई चक्कर काटने पड़ते हैं, ऐसे में बार-बार कार का खर्च झेलना थोड़ा मुश्किल है और अके ले चलने के लिए तो बाइक ही ठीक है और माइलेज अच्छा होने से तो बजट भी मेंटेन रहेगा। सुनने में आ रहा है कि डीजल के भी दाम बढ़ेंगे।

सीएनजी से ही चलेगी कार

राजीव कॉलोनी में रहने वाले प्रदीप बीटेक के स्टूडेंट हैं, उन्होंने थर्सडे को ही नई कार खरीदी है। यह कार पेट्रोल और सीएनजी दोनों से चलती है। मुझे शहर में ही ज्यादा ड्राइव करना है, इसलिए सीएनजी से ही चलाएंगे। सीएनजी में पेट्रोल से डेढ़ गुना तक माइलेज मिलता है। अब तक तो मैं कॉलेज तक बाइक से चला जाता था। पर अब तो बस से ही जाना पड़ेगा। इसलिए फैमिली आउटिंग के लिए कार खरीदी है। इससे मैं कॉलेज भी जा सकता हूं।

डीजल भी है ऑप्शन

शहर के व्यापारी नरेंद्र अग्रवाल ने वेडनसडे को पेट्रोल के दाम बढऩे की भनक लगते ही अपनी वैगन आर सेल करके डीजल कार रिट्ज खरीदी है। वह कार लेकर बाला जी गए हैं। फोन पर हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि पेट्रोल के दाम बढऩे के बाद वैगन आर एफर्ड कर पाना काफी मुश्किल हो सकता है, ऐसे में मुझे डीजल कार लेना ही फायदे का सौदा लगा। जब से मैंने पेट्रोल के दाम बढऩे की खबरे सुनी, तभी कार चेंज करने के बारे में सोच लिया था। वास्तव में इतने महंगे पेट्रोल के साथ कार एफर्ड करना आसान नहीं है।

पेट्रोल के दाम बढऩे पर सीएनजी और डीजल कार की डिमांड बढ़ रही है। दरअसल सीएनजी कार में पेट्रोल कार की अपेक्षा डेढ़ गुना माइलेज मिलता है।

-कपिल दुआ, जीएम, कविशा मोटर्स

मेरे पास स्कूटर है। घर भी शोरूम से ज्यादा दूर नहीं है। लगता है अब तो साइकिल ही लेनी पड़ेगी। इससे सेहत भी अच्छी रहेगी और घर का बजट भी मेंटेन रहेगा।

-देवेंद्र सिंह,  सेल्स मैनेजर, आरसी बजाज

जब से मनमोहन सिंह की सरकार बनी है। आम जनता महंगाई के बोझ तले दबी जा रही है। पर जनता कर भी क्या सकती है। चुनाव तक तो इस महंगाई के आदी हो चुके होते हैं।

-विशेष कुमार, बिजनेसमैन

अब तो लगता है कि साइकिल का दौर एक बार फि र से वापस आने वाला है। सरकार का तो महंगाई रोकने में कोई रोल नजर ही नहीं आ रहा है। परेशानी तो आम जनता को हो रही है।

-सुनील खत्री, बिजनेसमैन

अभी तो पेट्रोल महंगा हुआ है। रसोई गैस और डीजल महंगा होने की सुगबुगाहट सुनाई दे रही है। ऐसा हो गया तो घर का पूरा बजट ही बिगड़ जाएगा। पर सरकार को इसका कोई ख्याल भी नहीं है।

-संतोष गुप्ता, बिजनेसमैन

मैं तो हैरान हूं कि एक बार में आठ रुपए बढ़ गए हैं पेट्रोल के दाम। सरकार को जनता का तो कोई ख्याल ही नहीं है। अब तो कार एफर्ड करना भी मुश्किल हो जाएगा।

-संजीत, बिजनेसमैन

मैं तो कार छोड़कर बाइक पर चलने की तैयारी कर रहा हूं। अब तो अकेले जाने के लिए कार के बजाए बाइक को ही प्रिफर करना पड़ेगा। पर सरकार के तो कान पर जूं तक नहीं रेंगती है।

-सुधीम, बिजनेसमैन

अभी तो महंगाई का आगाज है। पता नहीं इसका अंजाम क्या होगा। कुछ कहना भी हो तो किससे कहें। सरकार तो बिल्कुल ही निरंकुश हो चुकी है। पिस तो आम जनता रही है।

-अंकित, बिजनेसमैन