JAMSHEDPUR: प्रकृति प्रेम के प्रतीक सरहुल की शोभा यात्रा शहर में आठ अप्रैल को निकाली जाएगी. केंद्रीय सरहुल पूजा समिति की ओर से निकाली जाने वाली सरहुल शोभायात्रा की तैयारी पूरी कर ली गई है. मौके पर आकर्षक झांकी के साथ झारखंडी कला संस्कृति व आपसी भाईचारे का संदेश दिया जाएगा. शोभा यात्रा में शामिल होने वाले सभी समाज के अगुवा और अतिथियों को केंद्रीय सरहुल पूजा समिति शोभायात्रा प्रारंभ होने के पूर्व पगड़ी पहनाकर सम्मानित करेगी. जबकि शोभा यात्रा के समापन के वक्त शोभायात्रा के संस्थापक सदस्यों व उनके परिवार को सम्मानित किया जाएगा.

दोपहर तीन बजे सीतारामडेरा से निकलेगी शोभा यात्रा

सरहुल शोभा यात्रा के लिए रूट चार्ट तैयार करने के साथ ही सरहुल के दौरान होने वाले कार्यक्रमों को अंतिम रूप दिया गया. शोभा यात्रा पुराना सीतारामडेरा से दोपहर तीन बजे प्रारंभ होगी.

शामिल होंगे विभिन्न समाज के सदस्य

सोमवार को निकलने वाली सरहुल शोभा यात्रा में आदिवासी उरांव समाज के अलावा हो समाज, मुंडा समाज, मुखी समाज, भुइयां समाज, तुरी समाज, कालिंदी समाज, रजक समाज समेत मूलवासी समाज के महिला व पुरुष अपने पारंपरिक परिधान और वाद्य यंत्र के साथ शामिल होंगे.

घरों में लगाएं सरना झंडा

केंद्रीय सरहुल पूजा समिति के सदस्य राकेश उरांव ने आदिवासी समाज से सरहुल के मौके पर अपने-अपने घर में सरना झंडा लगाने और आपसी एकता के लिए शाम को एक दीया जलाने की अपील की है. शंकोसाई, मानगो स्थित रमिया वाटिका में केंद्रीय सरहुल पूजा समिति ने प्रेस वार्ता में शोभा यात्रा की तैयारियों की जानकारी दी. इस अवसर पर केंद्रीय सरहुल पूजा समिति के जगदीश मुंडा, शोभा सामंत, नंदलाल पातर, राजेश कांडेयोंग, बुधराम खलखो, शंभू मुखी डुंगरी, बबलू खलखो, लखन कुजूर, लक्ष्मण मिंज, राज लकड़ा, जुगल बारह आदि समेत कई लोग उपस्थित थे.