इलाके में धारा 144 लागू
रामपाल को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है और कोर्ट ने उनकी याचिका पर जल्द सुनवाई करने से इनकार कर दिया. हाइकोर्ट के 17 नवंबर तक पेश करने के आदेश के बाद से पुलिस ने कमर कस ली है. कल ग्लाइडर विमान से भी पुलिस ने आश्रम का जायजा लिया. आज पुलिस ने सतलोक आश्रम को चारों तरफ से घेर लिया है. आश्रम तक जाने वाले सभी रास्तों को सील कर दिया गया है. आश्रम के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है. पूरे इलाके में धारा 144 लगी है. वहीं गिरफ्तारी से बचने के लिए रामपाल ने 20,000 लोगों की फौज अपने आश्रम के बाहर तैनात कर रखी है. इसके अलावा बड़ी संख्या में उनके समर्थक भी वहां जुट हुए हैं, जो लाठी−डंडे से लैस हैं.

गिरफ्तारी की वजह
इसी साल 14 जुलाई को हिसार अदालत में एक मामले को लेकर संत रामपाल की पेशी थी. वकीलों के आरोप के मुताबिक, रामपाल समर्थकों ने उस दिन कोर्ट में काम में व्यवधान डालते हुए हंगामा किया था. इसके विरोध में वकीलों द्वारा अवमानना का केस दाखिल किया गया था. कोर्ट में मामले की तारीख के दौरान संत रामपाल कोई न कोई बहाना बनाकर दो बार पेश नहीं हुए. इस कारण हाई कोर्ट ने 5 नवंबर को गैर जमानती वॉरंट जारी कर दिया. पुलिस को 10 नवंबर को संत रामपाल और राम कुमार ढाका को पेश करने के आदेश दिए गए थे. रामकुमार ढाका को तो पुलिस ने गिरफ्तार करके सोमवार को हाईकोर्ट में पेश कर दिया और उनकी जमानत भी हो गई लेकिन अनुयायियों के भारी विरोध की आशंका के चलते संत रामपाल को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई. गौरतलब है कि 2006 के करौंथा रोहतक के सतलोक आश्रम में आर्यसमाज और संत रामपाल समर्थकों के बीच हुए हिंसक संघर्ष में 1 युवक की मौत के बाद से केस जारी है. इसी मामले में 2013 में भी हिंसक संघर्ष हुआ था जिसमें 3 की मौत हुई और 100 लोग घायल हुए थे.

रामपाल के विवादों की सूची
जुलाई 2006 - सतलोक आश्रम के बाहर उपद्रव, युवक की मौत, प्रशासन आश्रम को लिया कब्जे में.
अगस्त 2006 - संत रामपाल ने हाई कोर्ट में दी प्रशासन के फैसले को चुनौती.
नवम्बर 2009- हाई कोर्ट का प्रदेश सरकार दोबारा ट्रस्ट को सौंपने का आदेश.
नवम्बर 2009 - प्रदेश सरकार व आर्य प्रतिनिधि सभा ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती.
18 फरवरी 2013- सुप्रिम कोर्ट ने सरकार व आर्य प्रतिनिधि सभा को किया खारिज.
24 फरवरी 2013- संत रामपाल के ट्रस्ट ने एसडीएम कोर्ट में आश्रम पर कब्जा लेने पर याचिका दायर की.
11 मार्च 2013- एसडीएम ने आश्रम रिसीवर सदर थाना प्रभारी को आश्रम ट्रस्ट को सौंपने के दिए आदेश.
7 अप्रैल 2013- देर शाम रिसीवर सदर थाना प्रभारी ने आश्रम ट्रस्ट को सौंपा.
9 अप्रैल 2013- आश्रम ट्रस्ट को सौंपने से नाराज आर्य प्रतिनिधियों ने आश्रम पर किया पत्थराव,जिला उपायुक्त के आश्वासन कि 30 अप्रैल तक दोबारा आश्रम को कब्जे में लिया जाने पर मामला हुआ शांत.
12 अप्रैल 2013- दोनों पक्षों में वैचारिक मतभेद शुरू, आर्य समाजी ने प्रशासन के समक्ष रखी तुंरत प्रभाव से आश्रम खाली करवाने की मांग व आश्रम अनुयायियों ने आर-पार की लड़ाई की बात कहीं.
16 अप्रैल 2013 - आर्य प्रतिनिधियों ने आश्रम खाली करवाने को लेकर प्रशासन को सौंपा ज्ञापन.
25 अप्रैल 2013- दोबारा आश्रम कब्जा में लेने के लिए सदर थाना प्रभारी ने लगाया कलंदरा.
30 अप्रैल 2013- दयानंद मठ में आपात बैठक.
2 मई 2013- आचार्य बलदेव ने किया करो या मरो नारे का ऐलान.
8 मई 2013- संत रामपाल दास के अनुयायिओं ने आश्रम की विशेष सुरक्षा के लिए हाई कोर्ट लगाया पत्र.
11 मई 2013-  करौंथा गांव छावनी में तबदील.
12 मई 2013- आश्रम खाली करवाने की मांग पर भडक़ी हिंसा, तीन की मौत चार गंभीर व सैकड़ों घायल.
16 मई 2013- आश्रम खाली, सीआरपीएफ सुरक्षा में तैनात.
14 जुलाई 2014 : हिसार कोर्ट में पेशी के दौरान संत के अनुयायियों की वकीलों के साथ झड़प हुई थी.

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