- देश में हो रही प्राकृतिक आपदाओं के पीछे शनि का वृश्चिक राशि में निवास

- ज्योतिषाचार्यो के मुताबिक आगामी 30 अगस्त तक कई घटनाएं होने के संकेत

BAREILLY:

शनि का वृश्चिक राशि में निवास होने से संडे को प्राकृतिक आपदा का दंश लोगों को झेलना पड़ा था। ज्योतिषाचार्यो के मुताबिक ऐसी स्थिति होने पर सूर्य, चन्द्रमा, मंगल और केतु अपने पूर्ण प्रभाव में आ गए थे। जिसकी वजह से जनता पर प्राकृतिक आपदाओं का दंश झेलना पड़ा था। कुछ इसी तरह के संयोग बनने की संभावना अगस्त में भी जताई जा रही है। इसके बाद शनि ने स्थान बदला और मंगल के साथ युति कर ली है। जिससे अभी संकट टला नहीं है। बल्कि कुछ समय के लिए ठहर गया है। आइए आपको बताते हैं कि आखिर क्या कह रही है ग्रह और नक्षत्रों की चाल।

बन गया है द्विद्वादश योग

इस समय शनि और मंगल में द्विद्वादश योग बन रहा है। जिससे शनि पर बृहस्पति की पंचम दृष्टि है। मंगल की केतु पर सीधी दृष्टि और गुरु पर नीच दृष्टि है। जिसके परिणाम स्वरूप भयानक प्राकृतिक आपदाओं का संकट अभी भी बरकरार है। जो 30 अगस्त तक रहेगा। इस स्थिति में जब-जब शनि-वृश्चिक राशि में प्रवेश करेगा उस दौरान भयानक प्राकृतिक आपदा जैसे भूकम्प, समुद्री तूफान, सुनामी समेत अन्य आपदाओं घटित होंगी। इसके अलावा कुछ जगहों पर युद्ध या धार्मिक उन्माद के कारण भयानक रक्तपात और जन-धन हानि की सम्भावना बनी हुई है।

ज्योतिष के अनुसार भूकंप

ज्योतिषाचार्य आचार्य प्रदीप द्विवेदी के मुताबिक संडे शाम 4 बजे से 4.05 बजे तक 5 मिनट की कुंडली बनाई जाए तो वह सिंह लगन की बनती है। इस लगन में ही गुरु, चांडाल दोष और सुख स्थान यानि घर माता के घर में विराजमान है। माता का अर्थ पृथ्वी से है। इस घर में मंगल और शनि की युति और ऊपर से मंगल शनि की पूर्ण सप्तम दृष्टि चन्द्र पर और चन्द्र की मंगल-शनि पर दृष्टि है। वहीं, दशा सूर्य अष्टम भाव में शुक्र के साथ और चन्द्रमा-कृतिका नक्षत्र में है। कृतिका का स्वामी सूर्य है। शनि वक्री और मंगल मार्गी दोनों की दृष्टि केतु पर पड़ी। युति पर सूर्य या चन्द्र का पूर्ण प्रभाव होने से भूकंप की स्थिति बन गई थी।

संभावित घटनाएं

लास्ट ईयर अप्रैल से अगस्त तक यही स्थिति बनी थी। जिससे देश को भूकंप के झटके लगे थे। इस वर्ष यही स्थिति होने से पाकिस्तान में बाढ़, कोलकाता में पुल का गिरना, संडे सुबह केरल के मंदिर में अग्निकांड, और उत्तर भारत में भूकंप की घटनाएं घटित हो चुकी हैं। इसके अलावा 30 अगस्त तक ऐसी स्थितियां बनेंगी। जिससे अग्नि, भूकंप, आत्महत्या, रोड एक्सीडेंट, आगजनी, बाढ़ की घटनाएं बढ़ेंगी।