शादी किसी के लिए भी जिंदगी का एक अहम हिस्सा होती है. यह एक पार्टनरशिप होती है जिसे आप तैयार करते हैं, एक साथी होता है जिसे आप चुनते हैं, पूरी जिंदगी की उम्मीद के साथ. एक ऐसा शख्स जो आपकी मदद करता है, आपके अच्छे और बुरे समय में आपको सपोर्ट करता है. हम जिस नजरिए से शादी को देखते और इसे हासिल करते हैं वो यह तय करता है, कि हमारी जिंदगी कैसी रहेगी. आज मेरे इस आर्टिकल में मेरे ख्यालात नौजवानों के लिए हैं जो आगे चलकर किसी के साथ रिलेशनशिप की शुरुआत करेंगे.

भारत में हम अपनी भावनाएं, अपने विचार, अपना पैसा और अपना समय सिर्फ शादी के बारे में ही सोचते हुए बिताते हैं. लेकिन क्या हम वाकई अपना समय, अपनी कोशिश, पैसा और भावनाओं का शादी के लिए सही इस्तेमाल करते हैं, मुझे लगता है नहीं. ‘बड़े धूमधाम से शादी’ शायद भारत में एक कॉमन क्रेज बन गया है. हम उस एक इवेंट पर अपनी सारी भावनाएं, पैसा, समय और ध्यान लगाते हैं. ‘मैं उस दिन कैसा लगूंगा या लगूंगी,’ ‘सोसायटी मुझे और मेरे पार्टनर को किस नजरिए से देखेगी,’ ‘अरेंजमेंट्स के बारे में लोग क्या कहेंगे, खाने के बारे में वो क्या सोचेंगे, वगैरह-वगैरह. अब ये वो लोग होते हैं जो या तो हमारे रिश्तेदार होते है, हमारे दोस्त होते हैं या फिर सोसायटी के वो लोग होते हैं जिन्हें हम जानते हैं और जिन्हें हमने शादी के लिए इनवाइट किया होता है. हम अपनी सारी एनर्जी इस एक दिन को सक्सेसफुल करने में खर्च कर डालते हैं. जबकि एक कड़वी हकीकत यह है कि शायद वो दूल्हा या दुल्हन एक साथ पूरी जिंदगी नहीं बिता पाएं.


शादी से जुड़े कुछ खास पहलुओं पर एक नजर डालते हैं. हम अपना ज्यादातर समय दूसरों के बारे में सोचने पर ही बिता डालते हैं, हनीमून डेस्टिनेशंस को लेकर काफी रिसर्च एंड डेवलपमेंट कर डालते हैं और शादी के दिन हम क्या पहनेंगे, इस पर घंटों खर्च कर डालते हैं. गेस्ट लिस्ट और मेन्यू डिसाइड करने में हम घंटों बिता डालते हैं, लेकिन हम अपनी जिंदगी के एक नाजुक फैसले, एक सही लाइफ पार्टनर को सेलेक्ट करने में कितना समय खर्च करते हैं?

भारत में ज्यादातर शादिया अरेंज होती हैं. यहां पर किसी भी लडक़े या लडक़ी की फैमिली, कास्ट, घर, एजुकेशन, इनकम, बैंक बैलेंस, वो कैसा दिखता या दिखती है और उसका कांप्लेक्शन कैसा है, इस पर काफी ध्यान दिया जाता है. लेकिन ये सारी चीजें पूरी तौर पर बनावटी होती हैं. हम अपने समय को उस इंसान को जानने में खर्च क्यों नहीं करते हैं, जिसके साथ हमें अपनी पूरी जिंदगी बितानी होती है. क्या आप नहीं चाहते कि आप अपने पार्टनर को सेलेक्ट करने में ज्यादा समय बिता सकें न कि अपनी वेडिंग ड्रेस को डिजाइन करने में.

शादियों में हम जबर्दस्त पैसा खर्च करते हैं. जो अमीर हैं उनमें एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ लगी रहती है. वर्किंग क्लास या मिडिल क्लास अपनी जिंदगी की सारी जमापूंजी शादियों पर खर्च कर देता है. किसी फाइव स्टार होटल में एक अलीशान शादी की जगह पर शर्बत वेडिंग का आइडिया शानदार है. आपकी जितनी मर्जी हो उतने मेहमानों को बुलाइए, उन्हें कोल्ड ड्रिंक या शर्बत सर्व करिए और उन्हें आपकी शादी में शामिल होने और नवविवाहितों को आर्शीवाद देने के के लिए धन्यवाद दीजिए.

Dowry

आप अपने माता-पिता से कहिए कि हमें कोई बड़ा फंक्शन नहीं चाहिए और हमें उस पैसे का यूज किसी इंपॉर्टेंट काम में करने दीजिए जो हमारी जिंदगी में मदद कर सके. अपनी जिंदगी के बारे में सोचिए न कि सिर्फ एक इवेंट के बारे में. इमोशनल, फाइनेंशियल और मेंटल हर तरह से शादी को उतनी इंपॉर्टेंस दीजिए जिसकी वो वाकई हकदार है. आपका समय और एनर्जी को आप अपनी जिंदगी के आने वाले समय की प्लानिंग में खर्च करिए. और यह तभी होगा जब आप एक सही इंसान को अपने लाइफ पार्टनर के तौर पर सेलेक्ट करेंगे. मैं दहेज के सख्त खिलाफ हूं. ये एक गैरकानूनी परंपरा है. जरा सोचिए कि क्या एक रिश्ता जो पैसे और लालच की नींव पर बना है, क्या उसका कोई अर्थ होगा, क्या वो वाकई खूबसूरत होगा? आपकी बेटी को किसी लालची और बेकार साथी की जरूरत नहीं है. उसे एक ऐसा जीवनसाथी दीजिए जो उसकी रिस्पेक्ट कर सके.