आग हमें गर्मी देती है, लेकिन यह हमें जलाती भी है. हम इसे अपने फायदे के लिए यूज करते हैं लेकिन कभी इसके बहुत करीब नहीं जाते हैं. जैसे ही यह हमारे बहुत करीब आती है, हमारी खुद को बचाने की आदत के कारण हम खुद को इससे दूर कर लेते हैं. फिर ऐसा क्या है कि यह बात शराब के साथ लागू नहीं होती? एल्कोहल में आग की तरह तमाम फायदे भी नहीं होते. यह तो बस आग की तरह जलाना और बर्बाद करना जानती है.

देश के हर राज्य में एल्कोहलिज्म की वजह से कई घर बर्बाद हो चुके हैं. इसके बर्बाद करने की वजहें पूरे परिवार पर नजर आती हैं. यह डॉमेस्टिक वॉयलेंस को बढ़ावा देती है, बच्चों की एजुकेशन पर असर डालती है, यह किसी घर की हेल्थकेयर पर खर्च कर सकने की क्षमता को प्रभावित करती है और इसकी वजह से अनइंप्लॉयमेंट बढ़ता है.

Drinking is injurious

आज कई स्टडीज ने इस बात को साबित किया है कि यह एक बीमारी है न कि कोई आदत, जैसा कि हम में से काफी लोग सोचते हैं. हम में से कुछ लोग संभावित एल्कोहलिक्स होते हैं और जब ऐसे लोग ड्रिंक करना शुरू करते हैं तो फिर वो पूरी तरह से इसमें डूब जाते हैं. फिर हम चाहे जितनी कोशिश करें, इससे बाहर नहीं आ पाते हैं. एल्कोहलिज्म का पता लगाने के लिए चार तरीके हैं, कट, एंगर, गिल्ट और आई ओपनर. अपने आप से ये चार सवाल पूछें. ‘हां’ में आया एक जवाब आपको एल्कोहल यूज से होने वाली प्रॉब्लम के बारे में बता सकेगा. अगर ‘हां’ एक से ज्यादा है तो यह एक इशारा है कि समस्या की शुरुआत हो गई है.

कट-आपके करीबी क्या लगातार आपसे यह बात कह रहे हैं कि आपको पीने की आदत कम करनी होगी?
एंगर-जब कभी भी आपके करीबी आपके पीने की आदत के बारे में बात करते हैं तो आपको गुस्सा आता है?
गिल्ट-जब कभी भी आपने खुद से एक दिन में एक डिसाइडेड नंबर ऑफ ड्रिंक्स का वादा किया तो क्या इसे तोडऩे पर आपको किसी तरह की गिल्ट फीलिंग होती है?
आई ओपनर-क्या आप ऐसी स्टेज पर पहुंच गए हैं जहां आपको अपने दिन की शुरुआत करने के लिए भी एल्कोहल की जरूरत है?
दुर्भाग्य से दुनिया में ऐसी कोई भी दवाई नहीं जो एल्कोहलिज्म का ट्रीटमेंट कर सके, लेकिन एक ऑर्गनाइजेशन है जो इसमें आपकी मदद कर सकती है, एल्कोहलिक एनॉनेमस. यह एक वल्र्ड वाइड ऑर्गनाइजेशन है और यह अभी तक दुनिया भर के 300 मिलियन लोगों की मदद कर चुकी है. भारत में भी इनके कई सेंटर्स हैं. आप इस ऑर्गनाइजेशन को 09022771011 पर कॉल कर सकते हैं. इसके अलावा मैसेज करने के लिए आप अपने फोन पर एएएए टाइप कर अपना नाम, एड्रेस और कांटेक्ट नंबर टाइप करें और फिर इस एसएमएस को 56363 पर भेज दें. हमारे एक्सपट्र्स के मुताबिक भारत में एल्कोहल कंज्यूम करने वाले हर 20 में से एक या करीब 5 परसेंट लोग एल्कोहलिक हो जाते हैं. वहीं हर दो में से एक व्यक्ति यानी 50 परसेंट खुद को खतरनाक ड्रिंकिंग में इंवॉल्व कर लेते हैं. आप शायद रोज ड्रिंक न करते हों और आप एल्कोहलिक भी न हों, लेकिन हर बार जब कभी भी आप ड्रिंक करते हैं तो आप इस हद तक ड्रिंक करते हैं कि आप होशो-हवास खो बैठते हैं. तब आप अपने साथ ही साथ दूसरों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं.


मैंने कितनी ही बार ड्रिंक किए हुए व्यक्ति से यह सुना है कि मैंने नहीं पी है, मैं ड्राइव कर सकता हूं. हर शराबी यही सोचता है कि वो हर तरीके से एक सुपर ह्यूमन है. अगर आपने एल्कोहल पीने के बाद भी ड्राइव करने का डिसीजन लिया है तो आपको एक पोटेंशियल मर्डरर की तरह ही ट्रीट करना चाहिए. इंडियन हॉस्पिटल्स के इमरजेंसी रूम में आने वाले केसेज में से 40 से 50 परसेंट एल्कोहल से जुड़े होते हैं. 35 परसेंट ऐसे लोग होते हैं जिन्होंने खुद एल्कोहल कंज्यूम किया होता है और 65 परसेंट लोग ऐसे होते हैं जो किसी ऐसे व्यक्ति की वजह से शिकार हो जाते हैं जिसने एल्कोहल कंज्यूम किया हो. अगर हम ड्रिंक करना चाहते हैं तो हमें थोड़ा जिम्मेदार होना होगा. कभी भी ड्रिंक करके ड्राइव न करें और कभी भी ऐसे व्यक्ति के साथ कार में न बैठे जिसने एल्कोहल का थोड़ा सा भी अंश लिया हो.

हम इसे अपने जीवन का नियम बना लें.

जय हिंद