- सत्येन्द्र की हत्या के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार तीनों आरोपियों को अरेस्ट कर भेजा जेल

-एक आरोपी फरार, हत्यारों के आने को लेकर यूज हुए तरीके को लेकर पुलिस फंसी

1ड्डह्मड्डठ्ठड्डह्यद्ब@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ : माफिया बृजेश सिंह के करीबी सत्येन्द्र के हत्यारे किसी गाड़ी से नहीं बल्कि नाव से आए थे। ये गांव के लोगों का दावा है। वहीं पुलिस हमलावरों के बाइक या बोलेरो से आने की बात कह रही है। सोमवार की देर रात बदमाशों ने धौरहरा गांव में नारेपार में सत्येंद्र सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद पुलिस ने मृतक के भाई की तहरीर पर हिरासत में लिए गए उसी गांव के भोला सिंह, रामजी और आशीष को गिरफ्तार कर बुधवार को जेल भेज दिया। हत्याकांड में एक अन्य आरोपी अंगद उर्फ गुड्डू फरार चल रहा है।

दो दिन से धौरहरा गांव में डेरा डाली पुलिस अब तक यहीं पता नहीं लगा पाई है कि बदमाश किस वाहन से हत्या करने वहां आए थे। पुलिस कभी बाइक तो कभी बोलेरो को लेकर अब तक परेशान है। उधर गांव में कुछ लोगों ने बताया कि बदमाश वारदात करने के बाद नदी के रास्ते भागे थे और संभवत: नाव से हत्या करने पहुंचे थे और हत्या करने के बाद नाव से ही भाग निकले। वजह स्पॉट से पचास मीटर दूर ही गोमती नदी है। नदी पार खानपुर यानि दूसरे जिले गाजीपुर का गांव आता है और यहीं की जमीन को लेकर सत्येन्द्र का भोला व अन्य से विवाद था। वहीं पुलिस का दावा है कि सत्येन्द्र की हत्या गैंगवार नहीं गांव की रंजिश है। पुलिस का कहना है कि सत्येन्द्र शराब के नशे में आए दिन भोला को अपशब्द कहता था। एक सप्ताह पूर्व भी दोनों में तकझक और एक दूसरे को देख लेने की धमकी दी गई थी।