हिंदी में आर्डर किया

अक्सर लोगों के साथ कुछ ऐसा होता है कि वह उनके दिल को छू जाता है। बिहार के मल्हारी में रहने वाले सत्यपाल के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। बिहार के नक्सल प्रभावित इलाके में रहकर पढा़ई करने वाले सत्यपाल ने हिंदी मीडियम शिक्षा ग्रहण की। इस दौरान इंटर के बाद वह आईएएस बनना चाहते थे। जिससे वह दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने चले गए। इस दौरान वह वहां पर एक रेस्टोरेंट में गए, जहां पर उन्होंने हिंदी में आर्डर किया। जिस पर रेस्टोरेंट का वेटर हिंदी बोलने वालों का मजाक उड़ा रहा था। इस बात पर सत्यपाल को गुस्सा भी आया और दिल को चुभन भी महसूस हुई। इसके सत्यपाल कमरे पर आकर पूरी रात सोचने लगे। फिर क्या दूसरे दिन से सत्यपाल ने अंग्रेजी सीखने लगे। बोलना पढ़ना ही उनका मुख्य लक्ष्य था। छ माह के भीतर वह अंग्रेजी में पूरी तरह से परफेक्ट हो गए।

लिखने का सिलसिला

इसके बाद 21 साल की उम्र से उन्होंने अंग्रेजी में नॉवेल लिखना शुरू कर दिया।  सत्यपाल ने 2011 में द मोस्ट एलिजिबल बैचलर नॉवेल लिखी। यहीं से उनका सफर शुरू हो गया। यह नॉवेल काफी पसंद की गई। इसमें उन्होंने युवाओं की मंशा को महत्व दिया। इसके अलावा प्यार और आतंकवाद दोनों पहलुओं को गंभीरता से इसमें पेश किया। इसके बाद उन्होंने आंतकवाद, धर्म, सोच, अपराध, गरीबी, प्यार, रोमांस, संप्रादयिकता, शिक्षा और समाज पर लिखने की गति पकड़ ली है। अब तक सत्यपाल ने कुल 10 अग्रेंजी की नॉवेल  लिखी हैं। उनकी कुछ नॉवेल को पढ़कर कुछ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने विरोध भी किया। यहां तक की उन्हें मारने की कोशिश भी गई, लेकिन वह अपने मिशन में लगे हैं।

inextlive from India News Desk

National News inextlive from India News Desk