- पेड़ों की कटान और पोल शिफ्टिंग के विवाद में फिर रुका सौ फुटा का निर्माण

- वैल्यूशन की रकम जमा होने के बाद भी नहीं शुरू हुई पेड़ों की कटान

BAREILLY: सौ फुटा रोड के 'अच्छे दिन' आने की उम्मीद जगी ही थी कि फिर इस पर पानी फिर गया। रोड चौड़ीकरण के बीच प्रॉब्लम बने पेड़ों के कटान का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। विभागों की आपसी टकराहट में पेड़ काटना, पहाड़ तोड़ने जैसा हो गया है। वहीं दूसरी ओर पेड़ काटने को लेकर डीएम के आदेशों को भी दरकिनार किया जा रहा है। दरअसल उद्यान विभाग को करीब फ्8 पेड़ काटने हैं, लेकिन कागजी कार्रवाई के चलते दो दिनों से इसे टाला जा रहा है। वहीं डीएचओ पूजा ने बताया कि हमने सभी कार्रवाई पूरी कर ली है, लेकिन पेड़ों को काटने की जिम्मेदारी वननिगम की है।

अचानक बढ़ गई पेड़ों की संख्या

कुछ ही दिनों पहले रोड के कंस्ट्रक्शन में बाधा बने पेड़ों की कटान की कवायद शुरू हुई थी। इसके लिए पेड़ों की गिनती की गई, जिसमें वन विभाग और उद्यान विभाग के कुल मिलाकर फ्ब् पेड़ चिन्हित किए गए। इसमें से वन विभाग ने अपने क्8 पेड़ काट लिए। क्म् पेड़ उद्यान विभाग को काटने थे, लेकिन उद्यान विभाग ने दोबारा से पेड़ों को चिन्हित करने की मांग की। दोबारा चिन्हित करने पर काटने वाले पेड़ों की संख्या क्म् से बढ़कर फ्8 तक पहुंच गई। इसे लेकर अब दोनों विभागों में विवाद शुरू हो गया और रोड का काम फिर अधर में लटक गया है।

वन निगम कर रहा हीलाहवाली

करीब एक हफ्ते पहले डीएम संजय कुमार ने भी दो दिन में सभी पेड़ काटने के निर्देश दिए थे। पेड़ों के वैल्यूएशन और कटान के लिए उद्यान विभाग ने मंगलवार को वन निगम को लिखकर दिया था। वेडनसडे को वैल्यूएशन के बाद टोटल क्8 पेड़ों की कटान के लिए सौ रुपए प्रति पेड़ के हिसाब से उद्यान विभाग ने रुपए जमा करा दिए। बावजूद इसके पेड़ नहीं काटे गए। जिला उद्यान अधिकारी के अनुसार पेड़ों की कटान के लिए सभी फॉर्मेलिटीज पूरी कर ली गई हैं। मूल्यांकन में फ्800 रुपए जमा करा दिए गए हैं। वन निगम की ओर से पेड़ों की कटान की जानी है।

नहीं मिल रहा वर्कऑर्डर

दूसरी ओर पोल शिफ्टिंग का काम भी रोड बनने की राह में रोड़ा बन गया है। सौ फुटा रोड पर बिजली के पोल शिफ्ट के लिए मंडे को टेंडर प्रक्रिया कंप्लीट कर ली गई थी। भारत इलेक्ट्रिकल नामक फर्म का टेंडर हुआ। बावजूद इसके मौके पर पोल शिफ्टिंग का काम दूसरी फर्म कर रही है। दो दिनों बाद भी फर्म संचालक नगर निगम में वर्कआर्डर लेने के लिए भटक रहे हैं पर अफसरान उन्हें भी टहला रहे हैं।