जादू के करतब दिखाने वाले ये लोग चाहते हैं कि सरकार पीसी सरकार के घर को संग्रहालय में परिवर्तित करके उसमे जादू सिखाने वाले वाले एक स्कूल की शुरुआत करे।

अपनी मांगों को लेकर बांग्लादेश के तमाम जादूगर पिछले कई दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इनका कहना है कि इस कदम से इस महान जादूगर के लिए एक श्रद्धांजलि दी जा सकेगी।

साल 1971 में जापान में जादू का एक शो करते समय दिल का दौरा पड़ने से विख्यात जादूगर पीसी सरकार का निधन हो गया था। उनके पुश्तैनी घर को 'जादू भवन' के नाम से जाना जाता रहा है। अब इस घर को ढहाने की योजना है क्योंकि इस ज़मीन पर कथित तौर से आवासीय इमारत बनाने की योजना है।

इस घर में पीसी सरकार का जन्म क़रीब सौ वर्ष पहले हुआ था। जब उपमहाद्वीप का विभाजन भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच हुआ था तब पीसी सरकार का परिवार भारत आ गया था।

पारिवारिक परंपरा

बांग्लादेश के जाने माने जादूगर मोइनुल खान के मुताबिक़ पीसी सरकार का घर देश की सांस्कृतिक सम्पदा है। उनका कहना है, "हम इस आदमी को लेकर गर्व महसूस करते हैं। इसीलिए हम इनके घर को सुरक्षित रख कर यहाँ एक संस्थान बनान चाहते हैं."

पीसी सरकार के घर को बचाने की मुहिम के दौरान बांग्लादेश में जादूगरों ने कई हिस्सों में अपने हुनर के करतब दिखाए हैं। खुद पीसी सरकार भी अपने परिवार में जादूगरी का करतब दिखाने वाली सांतवी पीढ़ी के सदस्य थे।

उनके कई नामचीन करतबों में उड़ने वाली कालीन का जादू शामिल था। इन दिनों पीसी सरकार के पुत्र ने उनकी कला को प्रचलित कर रखा है।

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