शराब की बिक्री घटी

सावन महीने में केसरिया रंगत हर कहीं बिखर गई है। इस केसरिया रंगत में पिछले साल तक बोतल की धुनकी भी साफ नजर आ जाती थी। मगर इस बार ऐसा नहीं है। बोतल की जगह बाबा भोलेनाथ का प्रसाद सिर चढ़ा नजर आ रहा है। जी हां, भोलेनाथ का प्रसाद बोले तो बाबा की बूटी। अब भी नहीं समझे क्या? अरे हम भांग की बात कर रहे हैं। आपको शायद नहीं पता कि सावन के इस महीने में बोतल यानि शराब की बिक्री आश्चर्यजनक तरीके से घटी है और भांग की बढ़ गयी है।

 

दुकानें चल रही बंद

मामल ये है कि सावन महीने के मद्देनजर डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्टे्रशन ने कांवरियां रुट्स पर अंग्रेजी, देशी और बीयर की दुकानों को बंद करा दिया है। प्रशासन से इस फैसले से एक ओर जहां शराब की सेल में 25 से 30 परसेंट की गिरावट आई है। वहीं भांग की खपत में आम दिनों की तुलना में 10 से 15 परसेंट की बढ़ोत्तरी हुई है। हालांकि ये आंकड़ा सावन के शुरूआती दिनों के है और आबकारी विभाग अगस्त में भांग की खपत में 20 से 40 परसेंट की बढ़ोत्तरी की उम्मीद मान के चल रहा है।

शराब डाउन, भांग अप

आबकारी विभाग के अफसरों की मानें तो भांग की खपत बढऩे की सबसे बड़ी वजह है सावन और रमजान का एक साथ पडऩा और प्रशासन की ओर से सावन के मद्देनजर कांवरियां रुट्स पर शराब की दुकानों को बंद कराना। सावन और रमजान के पवित्र महीने के एक साथ पडऩे से एक वर्ग लोगों ने शराब से दूरी बना रखी है। जिसके चलते शराब की सेल शहरी इलाकों में घट गई हैं।

कांवरियां भी भांग के सहारे

वाराणसी-इलाहाबाद और वाराणसी-गाजीपुर रूट पर कांवरियों की ज्यादा आवाजाही देखते हुए प्रशासन ने शराब की हर तरह की दुकानें बंद करा रखी हैं। इसके चलते कांवरियों को भांग-बूटी से ही काम चलाना पड़ रहा है। भांग की खपत बढऩे और शराब की घटने के पीछे ये भी एक बड़ी वजह है। आबकारी अफसर भी मानते हैं कि शराब की दुकानें खुली रहती तो सेल बैलेंस रहता मगर ऐसा है नहीं।

जुलाई में हुआ डाउन

आबकारी विभाग को प्रदेश सरकार सबसे कमाऊ विभाग मानता है। हर साल शराब की सेल और पीने वाले बढ़ रहे हैं। हालांकि इस बार आबकारी विभाग बीते जुलाई महीने की इनकम घटने से परेशान है। ऐसा शराब की सेल कम होने से हुआ है। जहां जून में तीन लाख से ऊपर अंग्रेजी शराब की बोतलें बिकी। वहीं जुलाई में ये आंकड़ा घट कर ढाई लाख के पास आ गया।

बीयर की सेल भी घटी

जुलाई में बीयर की सेल में भी पांच से दस परसेंट की कमी आई है। हां, देशी शराब की ब्रिकी पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है। इसके पीछे की वजह आबकारी विभाग के अधिकारी ये बता रहे हैं कि देशी शराब का कोटा निर्धारित है। इसलिए ब्रिकी हो न हो लेकिन देशी शराब के दुकानदार को निर्धारित कोटा उठाना ही उठाना है। अगर देशी शराब का दुकानदार ऐसा नहीं करता तो उसका लाइसेंस कैंसिल कर दिया जायेगा।

एक महीने में ही बम-बम

कांवरिया रूट पर शराब और बीयर की ब्रिकी पर रोक लगने से एक ओर जहां आबकारी विभाग शराब की सेल जुलाई में कम होने से परेशान है। वहीं जुलाई में ही आबकारी विभाग के इस नुकसान की भरपाई भांग ने बहुत हद तक कर दी है। आबकारी विभाग के अधिकारियों के मुताबिक जून में जहां 35 कुंतल भांग की ब्रिकी की जगह 10 परसेंट कम ब्रिकी हुई थी। वहीं जुलाई में ये आंकड़ा 35 कुंतल से बढ़ा ही है साथ में पिछले जून महीने के बचे स्टॉक का भी दस परसेंट इस माह में रिकवर हो गया है। यानि जुलाई में भांग की ब्रिकी में 10 से 15 परसेंट का इजाफा हुआ है।

- शहर में मौजूद है लगभग 150 अंग्रेजी शराब की दुकानें

- 133 बीयर शॉप्स और 291 देशी शराब की दुकानें भी हैं।

- जून में अंग्रेजी शराब की दुकानों से 3,47,340 बोतलें बिकी थीं।

- जुलाई के महीने 2,73,168 बोतलें ही बिकीं।

- जून में बीयर की ब्रिकी 8,03,626 बोतलों की थी।

- जुलाई में बीयर की सेल घट कर 5,79,113 रह गयी।

- जून में भांग की सेल 35 कुंतल से 10 परसेंट कम रही।

- जुलाई में भांग की सेल 35 कुंतल से 10 परसेंट हुई ज्यादा।

- जुलाई में पिछले जून में बचे स्टॉक का 10 परसेंट भी हुआ रिकवर.

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सावन के चलते हाईवे और कांवरिया रूट्स पर शराब और बीयर की दुकानें बंद होने से आबकारी विभाग को बहुत नुकसान हुआ है। इसके चलते जुलाई में शराब की ब्रिकी से आने वाले रेवेन्यू में दस परसेंट गिरावट हुई है लेकिन सावन शुरू होने के साथ ही भांग की खपत बढ़ गई है। इसलिए आबकारी को थोड़ी राहत है और उम्मीद है कि सावन बीतते बीतते तक भांग अच्छा रेवेन्यू दे देगी।

-वाईआर यादव, जिला आबकारी अधिकारी