डेढ़ लाख रुपए का व्यापार

प्लास्टिक फ्लैग का मेरठ एक बड़ा मार्केट है। 26 जनवरी से दो दिन पहले तक ही फ्लैग्स की बिक्री होती है। इनका कारोबार करीब डेढ़ लाख रुपए तक है। प्लास्टिक फ्लैग के थोक विक्रेता रईस खान बताते हैं कि इनकी कीमत एक से पांच रुपए तक है। सिटी में मात्र दो दिनों के अंदर एक लाख प्लास्टिक फ्लैग की बिक्री होती है। 25 हजार प्लास्टिक फ्लैग की सेल रिटेल में होती है। वहीं 75 हजार प्लास्टिक फ्लैग थोक में बिकते हैं।

500 से अधिक दुकानें

पूरी सिटी में अधिकतर दुकानदार नेशनल फेस्टिवल को कैश कराते हैं, लेकिन उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि प्लास्टिक फ्लैग पर्यावरण के लिए कितने नुकसानदायक हो सकते हैं। रिटेल व्यापारी अमित कुमार के अनुसार सिटी में 500 से अधिक दुकानों पर नेशनल फेस्टिवल से पांच दिन पहले प्लास्टिक फ्लैग की सेल शुरू हो जाती है। मेरठ में 30 से अधिक थोक व्यापारी हैं।

यहां होता है यूज

थोक व्यापारी हमीद अंसारी बताते हैैं कि इन फ्लैग्स के खरीदार स्टूडेंट्स होते हैं। एक दिन पहले तक स्कूलों और स्टूडेंट्स में इनकी डिमांड होती है। वहीं थोक व्यापारी रईस बताते हैं कि हमारे पास स्कूलों से हजारों की संख्या में ऑर्डर आते हैं।

एटम बम से भी ज्यादा खतरनाक

पॉलीथिन के बढ़ते दुष्प्रभावों पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे एटम बम से भी ज्यादा खतरनाक बताया है। एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान  कोर्ट ने कहा कि प्लास्टिक बैग्स तालाब और झीलों के लिए खतरा बन गए हैं। इनके कारण शहरों का सीवर सिस्टम भी फेल हो गया है। कोर्ट ने केन्द्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी किए हैं।

प्लास्टिक से परहेज क्यों?

- अधिकतर प्लास्टिक गैर-जैविकीय विनाशकारी होते हैं। प्राणियों द्वारा इन्हें किसी भी तरह से साधारण हानिरहित उत्पादों में नहीं तोड़ा जा सकता।

- अधिकतर प्लास्टिक तेलों से बनते हैं, जो स्वयं में गैर-नवीकरणीय स्रोत हैं।

- बहुत से प्लास्टिक अत्यधिक ज्वलनशील हैं। इसलिए आग भड़कने की सम्भावना वाले क्षेत्रों में प्लास्टिक से बन्द या उससे ढकी चीजों के रख-रखाव में विशेष ध्यान रखा जाए.(जैसे, रसोईघर)

- प्लास्टिक में लिपटे पदार्थों के खाने से पशु, घोड़े और बकरियां दम घुटने और आंतों की बीमारियों से मरते देखे गए हैं। यह प्लास्टिक के अवरोधात्मक दोष को दर्शाता है।

- प्लास्टिक के कारण रुके हुए गटरों को अक्सर देखा जा सकता है। गन्दी नालियों में रुकावट प्लास्टिक की थैलियों या डिब्बों के फंसने से होती है।

- बच्चे जब इस्तेमाल की हुई प्लास्टिक की थैलियों को अपने सिर पर पहनकर खेलते हैं तब उसका परिणाम घुटन होती है। वास्तव में, कुछ देशों में यह नियम बना दिया गया है कि बच्चों के हाथों में जा सकने वाली प्लास्टिक की थैलियों में छेद किए जाएं।

15 अगस्त से कम होता है इस्तेमाल

26 जनवरी को नेशनल फ्लैग का इस्तेमान 15 अगस्त से काफी कम होता है। हमीद अंसारी की माने तो सिटी में लोग 26 जनवरी को उतने अच्छे से सेलेब्रेट नहीं करते जितना 15 अगस्त को। 15 अगस्त के लिए फ्लैग्स का कारोबार 12 लाख रुपए है, जिनमें से 8 लाख रुपए के प्लास्टिक फ्लैग थोक में सेल होते हैं। वहीं रिटेल में इनका कारोबार चार लाख रुपए का है।

'सिटी में अधिकतर प्लास्टिक फ्लैग के ही सेल ही होती है। 15 अगस्त के मुकाबले 26 जनवरी पर कम ही सेल होते हैं। फिर भी पूरे सिटी में यही प्रचलन में है.'

- रईस खान, थोक व्यापारी

'26 जनवरी को थोड़ा कम व्यापार रहता है। अपनी बात करूं तो इस सीजन में 15 अगस्त के मुकाबले 3 से 4 गुना व्यापार कम ही हो जाता है.'

- हामिद अंसारी, थोक व्यापारी