टेक्नॉलजी के इस्तेमाल को बढ़ावा देगा बैंक

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया रोजमर्रा के काम में टेक्नॉलजी पर निर्भरता बढ़ाने के प्लान पर काम कर रहा है. एसबीआई की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा कह कि मैं टेक्नॉलजी का इस्तेमाल बढ़ाने की कोशिश कर रही हूं. इससे खासकर उन कामों में कर्मचारियों का समय बचेगा जिनको करने के लिए बहुत ज्यादा सोचने और ज्ञान की जरूरत नहीं होती. रूटीन काम मसलन नकदी की गिनती के लिए हम ज्यादा मशीन ला रहे हैं. उन्होंने कहा कि बैंक ने जितने एंप्लाइज की हायरिंग का प्लान बनाया है उससे उसका बिजनेस आसानी से चलेगा.

कैश डिपॉजिट मशीन भी लाएगा बैंक

बैंक कैश डिपॉजिट मशीन भी लगाने की योजना बना रहा है ताकि डिपॉजिट काउंटर की संख्या घटाई जा सके.  बैंक कैश रिसाइक्लर्स भी ला रहा है, जो एटीएम में डिपॉजिट किया गया पैसा निकासी के लिए उपलब्ध कराता है. भट्टाचार्य ने बताया कि इन मशीनों से जाली नोटों की पहचान की जा सकेगी. ये मशीनें नकली नोट जब्त करके बाकी रकम आपके खाते में जमा कर देंगी. हम करीब 4,500 कैश रिसाइक्लर्स मशीन ला रहे हैं.

प्रॉबेशनरी ऑफिसरों को 70 हजार हर माह की सैलरी

वैसे तो पूरी बैंकिंग इंडस्ट्री को कर्मचारियों की कमी का सामना करना पड़ रहा है लेकिन पीएसयू बैंकों में यह प्रॉब्लम ज्यादा है. एसबीआई के एक ऑफिसर ने कहा कि नए बैंकों के आने से एम्प्लॉयी के मामले में एसबीआई को कोई फर्क नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि दो नए बैंकों के आने से एसबीआई में एम्प्लॉइज के नौकरी छोड़ने की रेट बढ़ेगी. एसबीआई फिलहाल प्रॉबेशनरी ऑफिसरों को 70,000 रुपये प्रति माह का सैलरी पैकेज देती है.

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