समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ गुरुवार को उच्चतम न्यायालय ने सट्टेबाज़ी और स्पॉट फ़िक्सिंग मामले में अंतिम फ़ैसला आने तक चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रॉयल्स को आईपीएल के अगले सत्र से बाहर रखने का भी प्रस्ताव दिया.

चेन्नई सुपरकिंग्स इंडिया सीमेंट्स के मालिकाना हक़ वाली टीम है जबकि राजस्थान रॉयल्स के कई खिलाड़ी और टीम अधिकारी कथित तौर पर स्पॉट फ़िक्सिंग मामले में फंसे हैं.

न्यायमूर्ति ए के पटनायक ने मामले पर अंतिम फ़ैसला आने तक गावस्कर को बोर्ड अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा है. अदालत ने साथ ही यह भी प्रस्ताव रखा है कि इंडिया सीमेंट्स से जुड़े अधिकारियों को बीसीसीआई से बाहर किया जाए.

उच्चतम न्यायालय ने बीसीसीआई को इस प्रस्ताव पर शुक्रवार तक जवाब देने को कहा है.

क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ़ बिहार के सचिव और याचिकाकर्ता आदित्य वर्मा ने संवाददाताओं को इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, "हमारी तरफ़ से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे कोर्ट में पेश हुए और उन्होंने ढ़ाई घंटे तक अपनी दलीलें रखी."

अल्टीमेटम

उन्होंने कहा कि साल्वे ने अदालत में अपनी दलील में यह भी कहा कि श्रीनिवासन ने चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी पर दबाव डालकर उनसे मुद्गल समिति के सामने गुरुनाथ मेयप्पन के बारे मे गलत बयान दिलवाया.

इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा था कि निष्पक्ष जाँच के लिए श्रीनिवासन को अपने पद से इस्तीफ़ा दे देना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने श्रीनिवासन को अपना पद छोड़ने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था.

स्पॉट फ़िक्सिंग मामले में श्रीनिवासन के दामाद मेयप्पन मुख्य आरोपी हैं और उच्चतम न्यायालय गठित मुद्गल समिति ने भी अपनी रिपोर्ट में मेयप्पन पर लगे सभी आरोपों को सही पाया था.

आईपीएल-6 के दौरान स्पॉट फ़िक्सिंग का मामला उस समय सामने आया था, जब राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ियों शांतकुमारन श्रीसंत, अंकित चव्हाण और अजीत चंडीला को दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार किया था.

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