खून पीने वाला

यौन उत्पीड़न के आरोप में जेल में बंद आसाराम को शुक्रवार को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट से निराशा ही हाथ लगी. आसाराम की ओर से दलील दी गई मीडिया कवरेज में उन्हें बच्चों का रक्त पीने वाले ड्रैकुला के रूप में पेश किया जा रहा है, लेकिन अदालत ने मीडिया कवरेज पर रोक लगाने की उनकी मांग खारिज कर दी.

अदालत क्यों रोके

मुख्य न्यायाधीश पी. सतशिवम की पीठ ने आसाराम के बारे में मीडिया को खबर चलाने से रोकने का आदेश देने से इन्कार करते हुए कहा कि उन्होंने मीडिया में रिपोर्ट किए गये हर शब्द को देखा है और उन्हें उसमें दखल देने का कोई कारण नजर नहीं आता. पीठ का कहना था कि अदालत मीडिया को क्यों रोके? जब पुलिस और अन्य लोगों से वे सूचनाएं हासिल कर रहे हैं तो हम उन्हें कैसे रोक सकते हैं.

पीठ नहीं माने

इससे पहले आसाराम के वकील ने मीडिया पर आरोप लगाया कि वह उनके बारे में बढ़ा-चढ़ा कर खबरें दिखा रहा है. देश में इतने अखबार और चैनल हैं. वे किस-किस के खिलाफ मामला दाखिल करें, लेकिन पीठ इन दलीलों से प्रभावित नहीं हुई और मामले में दखल देने से इन्कार करते हुए कहा कि उनके पास और भी विकल्प हैं. इससे पहले भी एक बार कोर्ट मीडिया कवरेज पर रोक लगाने की आसाराम की मांग ठुकरा चुका है.

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