वकील की हुई खिंचाई

आईपीएल स्पॉट फिकसिंग मामले में हाल ही में बीसीसीआई प्रेसीडेंट के पद से हटाए गए एन श्रीनिवासन ने कोर्ट से अनुरोध किया था कि उनके खिलाफ पहले दिए आदेश में संशोधन किया जाए क्योंकि कोर्ट का वह आदेश उन्हें बीसीसीआई के अध्यक्ष संबंधित अधिकारों से वंचित करता है और उस पद से संबंधित कामों को करने से रोकता है. वहीं इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की अवकाश पीठ ने कहा कि दूसरे न्यायाधीश के आदेश में संशोधन करना उनके लिए उचित नहीं है और ऐसी मांग करने के लिए कोर्ट ने श्रीनिवासन के वकील की खिंचाई भी की.

नहीं कर सकते आदेश को संशोधित

अवकाश पीठ के जस्टिस बीएस चौहान और जस्टिस एके सिकरी ने बीसीसीआई संबंधित क्रिकेट गतिविधियों की देखभाल के लिए इजाजत मांगने को लेकर श्रीनिवासन की खिंचाई करते हुए कहा कि किसी अन्य पीठ द्वारा पारित आदेश वो संशोधित नहीं कर सकते. ऐसा करने के लिए दोनों जजों ने उन्हें उसी पीठ के पास जाने को कहा है जिसने यह आदेश पारित किया है. श्रीनिवासन ने सुप्रीम कोर्ट के 28 मार्च और 16 मई के अंतरिम आदेश में संशोधन करने का अनुरोध किया था.

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