- राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष ने एससी-एसटी मामलों में लापरवाही बरतने पर जाहिर की नाराजगी

ALLAHABAD: गुडवर्क के चक्कर में पुलिस गरीब व असहायों को परेशान करना छोड़े। इसकी जगह गुंडा एवं अपराधी किस्म के लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। तभी वंचित, गरीब, असहायों पर होने वाले अपराधों पर रोक लगाई जा सकती है। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयेाग के अध्यक्ष पीएल पुनिया ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ये बात कही। उन्होंने कहा कि थानों में एफआईआर नहीं लिखे जाने पर फरियादी न्यायालय की शरण लेते हैं। ऐसे में क्भ्म् (फ्) के तहत मामला दर्ज होना पुलिस और प्रशासनिक व्यवस्था के लिए प्रश्न चिन्ह है। इस शैली को बदलना होगा।

किस जिले में कितने मामले निस्तारित

एससी-एसटी एक्ट के तहत मंडल के सभी जिलों के विवादों के निस्तारण की समीक्षा की गई। जिसमें इलाहाबाद में तीस में से ख्क्, कौशांबी में दो में से एक, फतेहपुर में आठ में से चार और प्रतापगढ़ में छह में से पांच मामले निस्तारित पाए गए। उन्होंने कहा कि पूरे उत्तर प्रदेश में एससी-एसटी एक्ट के तहत होने वाले अपराधों में से एक तिहाई मामले क्भ्म् (फ्) के तहत दर्ज किए गए हैं। उन्होंने कहा कि जिला सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति की बैठके नियमित रूप से होनी चाहिए। कमिश्नर बीके सिंह और आईजी दलजीत सिंह ने अध्यक्ष के प्रति आभार व्यक्त किया। साथ ही उनके निर्देशों के पालन का आश्वासन दिया गया।