-बीते चार वर्षो से अटका था, शासन से नहीं जारी हो रहा था शेष बजट

कंट्रोल रूम तैयार होने से फॉल्ट की प्रॉब्लम सॉल्व करना होगा आसान

Bareilly: बिजली की सुचारू सप्लाई के लिए लायी गई स्कॉडा योजना में अधिकारियों ने फिर जान भरने का काम किया है। योजना अपने अंतिम पड़ाव पर आकर फंस गई थी। कंट्रोल रूम न बन पाने की वजह से फॉल्ट के निस्तारण का काम पटरी पर नहीं आ पा रहा था। चार वर्ष बाद शासन ने प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 30 करोड़ रुपए स्वीकृत कर दिए हैं। हालांकि, अफसर महंगाई बढ़ने की वजह से और रुपए की दरकार बता रहे हैं।

छह वर्ष पहले शुरु हुई थी योजना

बिजली सप्लाई के दौरान किसी प्रकार की फाल्ट होने पर पूरे क्षेत्र की बिजली न प्रभावित हो इसके लिए 2012 में स्कॉडा योजना शहर में शुरू हुई। पोलों पर सिस्टम लगा दिए गए, लेकिन बजट की कमी के कारण कंट्रोल रूम नहीं बन पाया।

बजट और बढ़ाने की मांग

स्कॉडा का कंट्रोल रूम बनाने के लिए छह वर्ष पहले ही यह बजट स्वीकृत किया गाय था, लेकिन प्राप्त नहीं हो पाया। तीन दिन पहले ही कंट्रोल रूम की उपयोगिता को समझते हुए कमिश्नर ने इस बजट की स्वीकृत दे दी। चीफ इंजीनियर ने बताया कि समय के साथ महंगाई बढ़ी है जिस कारण से दस से 15 करोड़ रुपये और मिलने चाहिए।

कंट्रोल रूम से ही दिख जाएगा बिजली का फाल्ट-

कंट्रोल रूम से ही किसी भी कारण से कहीं पर बिजली का फाल्ट होने पर उसके बिजली कर्मचारी वहीं पर ही देख लेंगे। और सम्बंधित पावर हाउस को इस की सूचना देंगे। किस कारण से ऐसा हुआ उसकी भी पुष्टि कर देंगे।

प्वाइंटर--

-स्काडा के माध्यम से फाल्ट को तुरंत दूर कर दिया जाएगा।

-पूरे क्षेत्र की सप्लाई बाधित नहीं होगी। पोल पर लगे स्वीच से स्वत: ही उस क्षेत्र सप्लाई बंद हो जाएगी।

-फाल्ट खोजन में पूरे क्षेत्र की पेट्रोलिंग नहीं करनी पड़ेगी

-बरेली में 67उपकेंद्र को इसी से जोड़ा जाएगा।

शहरी क्षेत्र में उपभोक्ताओं की संख्या 1लाख 70 हजार,ग्रामीण क्षेत्रों में 2लाख 45हजार

वर्जन--

स्कॉडा का कंट्रोल रूम बनाने के लिए कमिश्नर ने बजट स्वीकृत कर दिया है। जल्द ही कार्य शुरू हो जाएगा। इसके माध्यम से उपभोक्ताओं के साथ बिजली विभाग के कर्मचारियों को भी सुविधा होगी। इसके अलावा भी बजट की मांग की जाएगी।

एसके सक्सेना,चीफ इंजीनियर,

वर्ष 2012 में स्कॉडा योजना शहर में शुरू हुई थी

वर्ष 2014 से कंट्रोल रूम का अटका था काम

15 करोड़ रुपए और होगी जरूरत