-क्लीन यूपी-ग्रीन यूपी स्कीम के तहत हुआ बड़ा खेल

-गमलों की खरीद-फरोख्त में घपला, फूंक दिए 4.5 करोड़

आई एक्सक्लूसिव

मेरठ: हरियाली के नाम पर पूर्व अखिलेश सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार की परतें उघड़ रही हैं। तत्कालीन अधिकारियों ने मिलीभगत कर पौधरोपण के नाम पर करीब 4.5 करोड़ रुपए डकार लिए। 2015 में निर्माणी संस्था मेरठ विकास प्राधिकरण ने कागजों में मेरठ के 60 विभिन्न स्थानों पर प्लान्टेंशन और ग्रीनरी डेवलप करने साथ-साथ कागजों पर 3 पार्को को भी रहा भरा कर दिया। पूर्व प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी 'क्लीन यूपी-ग्रीन यूपी' स्कीम सवालों के घेरे में है।

स्कीम पर उठी उंगली

साइकिल ट्रैक की ही तर्ज पर सूबे में तत्कालीन सपा सरकार द्वारा उपयोगी स्कीम 'क्लीन यूपी-ग्रीन यूपी' लांच की गई थी। भ्रष्टाचार की चाशनी में लिपटी इस स्कीम का हश्र भी 'जमींदोज' निकला। मेरठ शहर में योजना के तहत करीब 60 स्थानों पर प्लांटेशन किया गया, चयनित सड़कों के सेंट्रल वर्ज एवं फुटपाथ पर पौधरोपण, फूलदार झाडि़यां, बेलदार पौधों को लगाया जाना था। पुरसाहाल यह रहा कि ज्यादातर स्थानों पर मेरठ विकास प्राधिकरण ने सेंट्रल वर्ज की रेलिंग को पुतवाकर और फुटपाथ पर बोर्ड लगाकर योजना के धन को ठिकाने लगाने का काम किया।

1 हजार का एक गमला

तत्कालीन अधिकारियों ने सड़कों के फुटपाथ और सेंट्रल वर्ज पर रखा जाने वाला गमला 1 हजार रुपये तक की कीमत में खरीदा है। वन विभाग की नर्सरी से मुफ्त में मिलने वाले पौधों की कीमत 100 रुपये तक दर्शायी गई है। एमडीए की अवस्थापना निधि से योजना के मद में करीब 1 करोड़ रुपये रिलीज किया गया था जबकि बाकी का पैसा राज्य सरकार द्वारा दिया गया। सड़क पर ग्रिल की रंगाई-पुताई के लिए खर्च होने वाले पेंट और बु्रश की कीमतों में भी बाजार भाव से भारी अंतर है।

70 हजार में लगाई घास

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट को मिली जानकारी के आधार पर एमडीए ने परिसर के अंदर स्थित पार्क में महज घास को लगाने के लिए करीब 70 हजार रुपये खर्च कर दिए। विभिन्न चौराहों के समीप साइन बोर्ड लगाने, फेसिंग के नाम पर करीब 90 हजार रुपये प्रति साइट खर्च किया गया है। आरटीआई एक्टिविस्ट लोकेश खुराना की आरटीआई के जबाव में भी विकास प्राधिकरण ने 15 स्थानों पर ग्रीनरी का जो खर्च सौंपा था, वो भी बेहद चौंकाने वाला है। इतना ही नहीं प्राधिकरण ने योजना के तहत फाइलों में वेद व्यासपुरी में जोनल पार्क का निर्माण, ग्रीन पार्क और शताब्दीनगर योजना में गंगोल रोड पर ईको पार्क की स्थापना भी कर दी है।

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क्लीन यूपी-ग्रीन यूपी योजना के तहत मेरठ समेत सूबे के विभिन्न जनपदों में पौधरोपण की स्कीम का संचालन किया गया था। कुछ शिकायतें मिली हैं। परीक्षण कराया जा रहा है, यदि सरकारी धन दुरुपयोग नजर आया तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

-डॉ। प्रभात कुमार, कमिश्नर एवं प्रेसीडेंट एमडीए