- बीजेपी नेता के ठिकाने पर छिपे होने की चर्चा, पुलिस ने बस स्टैंड से दिखाई अरेस्टिंग

- निशानदेही पर लोहे की रॉड और खून से सनी ईट बरामद

LUCKNOW: दलित एलएलबी छात्र दिलीप सरोज को इलाहाबाद में सरेआम बेरहमी से पीटकर मौत के घाट उतारने वाला मुख्य आरोपी रेलवे का टीटीई विजय शंकर सिंह आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया। चर्चा है कि आरोपी विजय सुल्तानपुर निवासी बीजेपी के दबंग नेता के घर छिपा था हालांकि, पुलिस ने उसकी अरेस्टिंग सुल्तानपुर बस स्टैंड से दिखाई है। गौरतलब है कि हत्याकांड का वीडियो वायरल होने के बाद दोनों सदनों में विपक्ष ने इसे लेकर जमकर हंगामा किया था। बीते दो दिन तो विधानपरिषद में हंगामे की वजह से कार्रवाई भी स्थगित करनी पड़ी थी।

नशे में किया था वार

पुलिस के मुताबिक, आरोपी विजय सुल्तानपुर के कूड़ेभार स्थित सेमरौना गांव के राधेश्याम सिंह का बेटा है। रेलवे में टीटीई विजय शंकर सिंह इलाहाबाद के कर्नलगंज स्थित जहरुल हसन रोड पर किराये के मकान में रहता है। वारदात वाली रात बीयर पीने के बाद वह दोस्तों के साथ रेस्टोरेंट में खाना खाने गया था। जहां दिलीप और उसके साथियों से उसकी मारपीट हो गई थी। विजय का कहना है कि पहले दिलीप ने अपने साथियों के साथ हमला किया था। पीआरओ के मुताबिक, घटना के बाद विजय वकील तेजभान सिंह के साथ कर्नलगंज थाने गया था। वह बाहर बैठा था, जबकि, वकील और अन्य आरोपी थाने के भीतर चले गए। वहां इंस्पेक्टर से कहासुनी के बाद सभी लौट गए।

लगातार लोकेशन बदलता रहा

पुलिस के मुताबिक, इलाहाबाद से विजय सुल्तानपुर भाग गया। फिर फैजाबाद में अपने बैंककर्मी मित्र अशोक के घर पर शरण ली। पुलिस को भनक लगी तो वह उसकी तलाश में फैजाबाद पहुंची। लेकिन, इससे पहले ही आरोपी विजय वहां से भाग निकलने में सफल रहा। हालांकि, उसका मोबाइल वही छूट गया। वहां से विजय दिल्ली भाग गया। लेकिन, बिना रुके वापस बस से सुल्तानपुर लौट आया। जहां पुलिस ने बस स्टैंड से उसे अरेस्ट कर लिया। मारपीट में आंख के पास उसे भी चोट लगी है। इस मामले में रेस्टोरेंट के वेटर मुन्ना चौहान, रामदीन मौर्या और ज्ञान प्रकाश अवस्थी पहले ही जेल जा चुके हैं।

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यह थी घटना

गौरतलब है कि, बीते शुक्रवार की रात कारपेंट्री चौराहे पर रेस्टोरेंट में एलएलबी छात्र दिलीप सरोज और उसके साथियों के बीच टीटीई विजय शंकर से मारपीट हुई थी। बाद में विजय और उसके साथियों ने दिलीप को सड़क पर बेरहमी से पीटा था। जिससे वह कोमा में चला गया। इलाज के दौरान दिलीप की मौत हो गई थी। वहीं, मारपीट का वीडियो भी किसी राहगीर ने मोबाइल फोन से बनाकर सोशल मीडिया में डाल दिया। जो देखते ही देखते वायरल हो गया। जिसके बाद इलाहाबाद में छात्रों ने बवाल कर दिया। हंगामे और पथराव के बीच छात्रों ने कई वाहनों में आगजनी भी की थी। इसके अलावा विपक्ष ने विधानसभा व विधानपरिषद में भी इस घटना को लेकर हंगामा किया था और प्रदेश सरकार पर खराब कानून-व्यवस्था को लेकर हमला बोला था।

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बीजेपी नेता को बचाने की चर्चा

दिलीप हत्याकांड के मुख्य आरोपी विजय शंकर सिंह के पुलिस के हाथ न लगने पर उसके एक बीजेपी नेता के घर छिपने की चर्चा थी। सुल्तानपुर निवासी यह दबंग बीजेपी नेता विजय शंकर सिंह का रिश्तेदार है। बताया जा रहा है कि पुलिस ने बीजेपी नेता के घर से ही विजय को अरेस्ट किया लेकिन, नेता को शरण देने का आरोपी बचाने के लिये उसकी अरेस्टिंग सुल्तानपुर बस स्टैंड से दिखाई गई।

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घटनास्थल पर नहीं दिखा आलाकत्ल

किसी भी संगीन वारदात के खुलासे को पुख्ता करने के लिये पुलिस ऐसे बयान देती है, जिसे कोई बच्चा भी मानने को तैयार न हो। पुलिस के मुताबिक, आरोपी विजय शंकर सिंह की अरेस्टिंग के बाद उसकी निशानदेही पर आलाकत्ल लोहे की रॉड व खून से सनी ईट घटनास्थल से ही बरामद किया गया। हैरानी की बात है कि वारदात के बाद घटनास्थल पर एसएसपी इलाहाबाद आकाश कुलहरि समेत कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने मौका मुआयना किया था। लेकिन, पुलिस के दावे ने उनके मुआयने पर ही सवालिया निशान लगा दिये। इन अधिकारियों को घटनास्थल पर पड़ा आलाकत्ल दिखाई ही नहीं दिया और जिसे आरोपी के बयान के बाद बरामद किया जा सका।