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-स्टूडेंट्स के साथ ली जा रही पैरेंट्स की आधार डिटेल

-सरकारी कर्मचारियों पर विशेष नजर, होगी इनकम की जांच

ALLAHABAD: दशमोत्तर छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति की आस में बैठे स्टूडेंट्स के लिए यह खबर किसी झटके से कम नहीं है। पहले की तरह सरकारी खजाने से आर्थिक सहायता लेना आसान नही होगा। पहले से ऑनलाइन हो चुकी इस प्रक्रिया में सरकार अब नए पेंच कसने जा रही है। आवेदन के दौरान अब स्टूडेंट को अपने साथ पैरेंट्स का आधार डिटेल भी देना होगा। अगर आय प्रमाण पत्र में गलत जानकारी दी तो छात्र ब्लैकलिस्ट भी हो सकता है।

होगा दूध का दूध और पानी का पानी

अभी तक स्टूडेंट को ऑनलाइन स्कॉलरशिप के ऑनलाइन आवेदन में केवल अपने आधार की डिटेल देनी होती थी। नए प्रोफार्मा में माता या पिता का आधार भी देना होगा। इससे आवेदक सहित उसके पैरेंट्स की अकाउंट डिटेल भी सामने आ जाएगी। ऐसे में यह तय हो जाएगा कि स्टूडेंट को स्कॉलरशिप देनी है या नहीं। नियमानुसार जनरल और ओबीसी कैंडिडेट को सालाना दो लाख और एससी-एसटी को सालाना ढाई लाख रुपए की लिमिट तय की गई है। इससे अधिक आय होने पर आवेदन रिजेक्ट कर दिया जाएगा।

बतानी होगी आईटीआर डिटेल

इतना ही नहीं, जिन आवेदकों के माता-पिता की आय लिमिट के नजदीक होगी या इससे अधिक होगी, उनकी आईटीआर डिटेल भी मांगी जा सकती है। अगर आमदनी दिए गए आय प्रमाणपत्र में अंकित आय से अधिक निकली तो स्टूडेंट्स को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। भविष्य में किसी प्रकार की स्कॉलरशिप या शुल्क प्रतिपूर्ति प्राप्त नहीं कर सकेगा।

इन पर है विशेष नजर

सरकार की सबसे अधिक नजर सरकारी कर्मचारियों के बेटे-बेटियों पर है। पिछले कुछ साल में कई बार यह देखने में सामने आया कि इनके बच्चे स्कॉलरशिप की रकम ले लेते हैं। इससे सरकारी धन का दुरुपयोग होने के साथ पात्रों का हक भी मारा जाता है। जबकि हर साल सरकार एक निश्चित फंड स्कॉलरशिप मद में जारी करती है। इसे रोकने के लिए ही कड़े कदम उठाए जा रहे हैं।

एक लाख इन, 70 हजार आउट

जानकारी के मुताबिक पिछले वित्तीय वर्ष में जनरल, ओबीसी और एससी-एसटी को मिलाकर एक लाख स्टूडेंट को स्कॉलरशिप जिले में दी गई थी। वहीं 70 हजार को किन्ही कारण से आर्थिक सहायता नहीं मिली। इनमें 48 हजार आवेदक पिछड़े और 22 हजार आवेदक जनरल कैटेगरी के हैं। इसी तरह इस वित्तीय वर्ष के आवेदन प्रक्रिया भी शुरू होने जा रही है।

सरकार स्कॉलरशिप आवेदन प्रक्रिया को लगातार अपडेट कर रही है। ऑनलाइन के साथ आवेदक का आधार अब तक लिया जाता था। अब पैरेंट्स की आधार डिटेल भी देनी होगी। इसके अलावा जांच में गलत पाए जाने पर स्टूडेंट को ब्लैक लिस्ट भी किया जाएगा।

-प्रवीण सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी, इलाहाबाद